उपेक्षा: ग्रामीण चिकित्सक के भरोसे हो रहा लोगों का उपचार फोटो:-4- अम्हारा उप स्वास्थ्य केंद्र. प्रतिनिधि, फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्र के अम्हारा पंचायत में वर्षों से जर्जर अवस्था में बंद पड़ा है उप स्वास्थ्य केंद्र. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है. लोग बुखार व सर्दी-खांसी के लिए प्राइवेट डॉक्टरों के भरोसे हैं. ग्रामीण स्तर पर प्रदत सरकारी उप स्वास्थ्य केंद्रों में न तो दवा की सुविधा है व ना ही स्वास्थ्य कर्मियों की. इस अस्पताल में लोग उपले, जलावन व भूसा रख रहें हैं. यही कारण है कि लोग ग्रामीण चिकित्सकों से इलाज करवा रहे हैं. जो इनकी लाचारी है. कहने के लिए अम्हारा में उप स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन भवन अब खंडहर होता जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है जबसे यह बना है एक दिन के लिए भी चालू नहीं हुआ है. धीरे-धीरे भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. स्थानीय लोग की मानें तो ग्रामीण चिकित्सकों के भरोसे लोगों का इलाज इस इलाके में हो रहा है. उप स्वास्थ्य केंद्र लगभग 15 साल से बंद पड़ा स्थिति में है. स्वास्थ्य केंद्र पर आपको दो नर्स एक चिकित्सक की बजाय मवेशियों का चारा, मवेशी व जलावन रखने सहित नशेड़ियों का अड्डा बन गया है. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व जिलाधिकारी सहित विधायक को भी आवेदन कई बार दिया गया है. लेकिन कोई पहल नहीं हो रही है. इधर ग्रामीण रमेश मंडल, विमल कुमार, रोहित थानदार, बिनोद कुमार विश्वास,मनोज विश्वास ललन कुमार, नरेश अग्रवाल आदि ने कहा कि अम्हारा उप स्वास्थ्य केंद्र किसी का काम नहीं आ रहा है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है. पीएचसी प्रभारी डॉ राजीव बसाक ने कहा उप स्वास्थ्य केंद्र को लेकर विभाग को भेजा गया है. जल्द ही इसे चालू कराया जायेगा. ————— सीएचसी में दस्त रोकथाम अभियान का शुभारंभ फोटो-5-कार्यक्रम आरंभ करते प्रभारी चिकित्सक व अन्य. प्रतिनिधि, सिकटी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकटी में स्टॉप डायरिया कैंपेन कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजमत राणा व बीसीएम अनूप कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया. इस मौके पर डॉ भानु प्रताप, डॉ अविनाश कुमार, फैमिली प्लानिंग के राज गौरव झा, मूल्यांकन के केशव झा, लिपिक सुरेश कुमार ठाकुर, सीएचओ श्वेता लुइस, डाटा ऑपरेटर मनोज कुमार, मो नसीम सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे. कार्यक्रम के माध्यम से बताया कि दस्त बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. इसे नियंत्रण करने व दस्त संबंधी कारण व इसके निदान के प्रति आमलोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्टॉप डायरिया कैंपेन का आयोजन महत्वपूर्ण है. अभियान के दौरान कम उम्र के बच्चों के बीच ओआरएस व जिंक की दवा वितरित की जायेगी. दस्त के कारण होने वाले शिशु मृत्यु के मामलों को न्यूनतम स्तर तक लाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है. प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ने कहा कि डायरिया से होने वाली मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण व शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी है. ओआरएस व जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मौत को टाला जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान आपसी समन्वय के आधार पर दस्त नियंत्रण के उपाय, दस्त की शिकायत होने पर ओआरएस व जिंक दवा का प्रयोग, दस्त के दौरान उचित पोषण व समुचित इलाज के प्रति आमलोगों को जागरूक किया जायेगा.
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