सभी स्वास्थ्य संस्थानों का होगा आंतरिक मूल्यांकन

अस्पताल की कमियों को किया जायेगा दूर

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2024 8:50 PM

अररिया. सरकारी अस्पतालों को बेहतर बनाने व उपलब्ध चिकित्सकीय सेवाओं में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. इसमें कायाकल्प, एनक्वास प्रमाणीकरण की प्रक्रिया प्रमुख है. गौरतलब है कि सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों का संचालन राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक यानी एनक्वास के निर्धारित मानकों के अनुरूप संचालित किये जाने को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी पहल की जा रही है. वहीं जिले का सिकटी सीएचसी लगातार तीन बार कायाकल्प योजना को लेकर जारी राज्यस्तरीय रैकिंग में शामिल होकर पुरस्कृत हो चुका है. बहरहाल स्वास्थ्य विभाग कायाकल्प व एनक्वास के निर्धारित मानकों के अनुरूप जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों का संचालन सुनिश्चित कराने के प्रयासों में जुटा है. प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से विभागीय स्तर से सभी स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्यांकन पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ताकि संस्थागत कमियों को चिह्नित करते हुए इसे तत्काल दूर किया जा सके. इससे प्रमाणीकरण की प्रक्रिया आसान होगी.

अलग-अलग सुविधाओं का होता है मूल्यांकन

कायाकल्प व एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सभी रेफरल अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, एपीएचसी, एचएससी व एचडब्ल्यूसी का आंतरिक मूल्यांकन किया जाना है. इसमें संबंधित पीएचसी के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, अस्पताल प्रबंधक शामिल होंगे. स्वास्थ्य विभाग की सहयोगी संस्था पिरामल फाउंडेशन, यूनिसेफ व पीएसआई के प्रतिनिधि इसमें अपना जरूरी सहयोग देंगे. इसके लिए संस्थान वार मूल्यांकन कर्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गयी है. गौरतलब है कि कायाकल्प योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन व साफ-सफाई को बढ़ावा देना है. वहीं एनक्वास राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन का भरोसा दिलाता है. स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्यांकन की प्रक्रिया मई माह के अंत तक पूरा किया जाना है.

सभी स्वास्थ्य संस्थानों का होगा आंतरिक मूल्यांकन

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य संस्थानों के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के तहत संस्थानों में उपलब्ध अलग-अलग सुविधाओं की जांच की जाती है. प्रमाणीकरण के लिए विभिन्न स्तरों पर संस्थानों का अनुश्रवण व मूल्यांकन किया जाता है. इसे लेकर स्वास्थ्य संस्थानों के आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ताकि समय रहते मौजूदा कमियों का पता लगाते हुए इसे दूर किया जा सके.

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