उर्दू किसी समुदाय की भाषा नहीं : डीएम
कार्यशाला में शिक्षकों ने लिया भाग
फरोग-ए-उर्दू को लेकर सेमिनार सह मुशायरे का आयोजन 18-प्रतिनिधि, अररिया उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार व जिला प्रशासन अररिया के संयुक्त तत्वावधान में टाउन हाॅल अररिया के सभागार में जिला स्तरीय फरोग-ए-उर्दू सेमिनार, सह मुशायरा का आयोजन किया गया. जिला उर्दू कोषांग अररिया की अगुवाई में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम अररिया अनिल कुमार व उपस्थित पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया. उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि उर्दू किसी समुदाय की भाषा नहीं है. बल्कि यह खास हिन्दुस्तानी भाषा है. इसकी मिसाल व शीरीनी से किसी को इंकार नहीं हो सकता है. ये केवल एक भाषा ही नहीं बल्कि संस्कृति, भावनाओं और दिलों को जोड़ने का माध्यम है. इस अवसर पर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वसीम अहमद, एसडीओ अनिकेत कुमार, सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण अररिया सुबोध कुमार, जिला जन-सम्कर्प पदाधिकारी अररिया सोनी कुमारी, वरीय कोषागार पदाधिकारी अररिया विजय कुमार रजक, प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग अररिया मो जुलफक्कार अली, सहायक कोषागार पदाधिकारी अररिया, नुरूल हक सहित संबंधित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे. उक्त कार्यक्रम का आयोजन तीन सत्रों में किया गया. कार्यक्रम के प्रथम सत्र में आलेख पाठक के रूप में डाॅ तनजील अतहर, मुजाहिद हुसैन व मौलाना शाहिद आदिल कासमी ने भाग लिया. अपना आलेख प्रस्तुत किया. प्रतिनिधि के रूप में रफी हैदर अंजुम, रजी अहमद तनहा, मास्टर अब्दुल कूद्दुस ने भाग लिया. अपने विचार व्यक्त किये. इस कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में मुशायरे में कई कवियों ने अपना कलाम व शायरी प्रस्तुत किया. उनमें विशेष रूप से राशिदा खानम, हामिद हुसैन हामी, दीनरजा अख्तर, शमशुल हुदा मासूम, जियाउर्रहमान, वेगाना सारंगी, हशमत सिद्दीकी, रहबान अली, इनायत वसी आदि शामिल हैं. तृतीय सत्र में कार्यशाला का आयोजन हुआ. जिसमें जिले के सभी प्रखंडों से आये हुए शिक्षकों ने भाग लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है