1- प्रतिनिधि, भरगामा समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास को लेकर नियमित टीकाकरण की गुणवत्ता की जांच, सुदृढ़ीकरण व इसके आच्छादन का निरीक्षण किया गया. इसी क्रम में भरगामा प्रखंड में शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण के उद्देश्य को लेकर बुधवार को प्रखंड के भरगामा में नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण व आच्छादन में बढ़ोतरी के लिए निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के दौरान बीएमसी यूनिसेफ ने कहा जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्ता के मनोबल में वृद्धि करना होगा. स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना आसान होगा. निरीक्षण के क्रम में सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि प्रथम व द्वितीय वर्ष के बच्चों के शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थाओं के चिकित्सा पदाधिकारियों, एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविकाओं को टीकाकरण के बाद उसका फॉलोअप निरंतर रूप से करना सुनिश्चित करें. जिसके लिए आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती महिलाएं व धातृ माताओं के अलावा अभिभावकों को परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी देने की आवश्यकता है. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ओपीडी व आइपीडी की सभी तरह की सुविधाएं मिल रही. विदित हो कि प्रखंड में एएनएम की कार्यशाला के माध्यम से उन्मुखीकरण किया जायेगा. साथ ही नियमित टीकाकरण अभियान की समीक्षा भी की जायेगी. इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को प्रेरित कर टीकाकरण अभियान को सफल बनाने की दिशा में लक्ष्य सुनिश्चित करने को कहा है. निरीक्षण में बीडीओ शशि भूषण सुमन, चिकित्सा प्रभारी संतोष कुमार, एसएमसी यूनिसेफ अररिया के प्रतिनिधि सह बीएमसी विकास कुमार, हेल्थ मैनेजर गगन राज व एएनएम उपस्थित थे. बीडीओ शशिभूषण सुमन ने कहा कि नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है. शिशुओं के जीवन व भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी व कम लागत का तरीका है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है