पुल निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

कई गांवों को जोड़ता है यह पुल

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2024 7:15 PM

अररिया. एक ओर सरकार के द्वारा सड़क, पूल निर्माण कर सभी पंचायत व प्रखंडों को आपस में जोड़ा जा रहा है. जिससे लोगों को एक जगह से दूसरे जगह तक सड़क से पहुंचने में कठिनाई न हो. वहीं दूसरी ओर जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक पदाधिकारी की लापरवाही के कारण अररिया प्रखंड के बोची व बटुरबाड़ी पंचायत के सीमा पर वार्ड नंबर एक व दो को आपस में जोड़ने वाली सड़क चरारनी गांव में तीन दशक पूर्व बना कलवर्ट पूरी तरह टूट कर धंस गया है. जिसपर जान हथेली पर लेकर लोग आवागमन करने को मजबूर हैं. इस समस्या को देखने वाला कोई नही है. इस गंभीर समस्या को लेकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को पुल के पास पहुंचकर आक्रोश प्रदर्शन किया. हर वर्ष बरसात के दिनों में पूल के ऊपर से तीन से चार फीट पानी बहने के कारण कई लोगों की डूबने से मौत भी हो चुकी है. हर वर्ष दर्जनों लोग का इस गड्ढे में गाड़ी से गिर कर दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुके हैं. मालूम हो कि इस पुल के दोनों तरह प्रधानमंत्री सड़क भी बना था. जो अब काफी जर्जर भी हो चुका है. इतना ही नहीं ये सड़क बोची बटुरबाड़ी , चरारनी, मेटन, झमटा के लोगों के लिए अररिया-फारबिसगंज प्रखंड को आपस में जोड़ता भी है.

45 साल पूर्व बना था पुल, रख-रखाव के अभाव में हो गया जर्जर

ग्रामीण मुजाहिद आलम ने बताया कि यह पुल आज से 45 साल पूर्व बना था. लेकिन उसके बाद इसको देखने वाला कोई नहीं है. अब यह पूल काफी जर्जर ही नहीं बल्कि किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है. वार्ड सदस्य रैय्यान आलम ने बताया कि हर वर्ष यहां डूबने से चार पांच बच्चों की मौत हो जाती है. बरसात के दिनों में यहां इलाज के बगैर बीमार व गर्भवती महिलाएं दम तोड़ देती है. ग्रामीण मौलाना मसरूर ने बताया कि इसकी शिकायत कई बार विधायक व सांसद से भी किया व वे खुद भी कई बार देखकर गये हैं. लेकिन उनके द्वारा सिर्फ और सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिला है. मो ईसा व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि अब तो इस गांव में लोग शादी भी करना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता के खत्म होने के बाद अगर इस पुल का काम नहीं किया गया तो यहां के ग्रामीण स्थानीय सांसद ,विधायक व जन प्रतिनिधियों के खिलाफ जन-आंदोलन करने को मजबूर हो जायेंगे. क्योंकि ग्रामीण इस बार बारिश व बाढ़ के भय से अभी से ही घबराये हुए हैं.

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