Waqf Board: वक्फ संपत्ति सार्वजनिक नहीं, वक्फ बिल में संशोधन कर वक्फ की संपत्ति हड़पना चाहती है सरकार

Waqf Board: जिला वक्फ कमेटी अररिया के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी लबीब ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में कहा कि वक्फ हमारी संपत्ति व बहुमूल्य पूंजी है, हमारे बाप-दादाओं ने पुण्य की नियत से अपनी संपत्ति अल्लाह ताला की राह में छोड़ दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 11:57 PM

Waqf Board: जिला वक्फ कमेटी अररिया के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी लबीब ने वक्फ संशोधन बिल 2024 के विरोध में कहा कि वक्फ हमारी संपत्ति व बहुमूल्य पूंजी है, हमारे बाप-दादाओं ने पुण्य की नियत से अपनी संपत्ति अल्लाह ताला की राह में छोड़ दी है. वक्फ जमीन की सुरक्षा व संपत्तियों का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी व हमारा पहला कर्तव्य है. वर्तमान सरकार वक्फ अधिनियम 2013 में संशोधन करना चाह रही है. आशंका है कि वक्फ अधिनियम में ऐसा संशोधन किया जाएगा, जिससे वक्फ जमीन की प्रकृति व स्थिति बदल जाएगी.

Waqf Board: वक्फ बोर्ड की शक्तियां खत्म करने की योजना

वक्फ बोर्ड व बोर्ड की जमीन की सुरक्षा के साथ-साथ शक्तियां भी अनिश्चित हो जायेगी. वक्फ बोर्ड को भी खत्म कर दिया जाएगा व बोर्ड की शक्तियां दूसरों के हाथ में चली जाएंगी. जिससे वक्फ जमीन के कब्जे का रास्ता साफ हो जाएगा. नए संशोधन के साथ यह नई नीति भी तैयार की जा रही है. महत्वपूर्ण इस्लामी मामलों में मुस्लिम समाज से संपर्क नही किया जाता है यह नीति 2019 में तीन तलाक़ से संबंधित विधेयक के साथ शुरू हुआ. जब एक मंत्री ने संसद में गर्व से घोषणा की कि इस संबंध में मुस्लिम समुदाय से चर्चा नहीं की गई है. समान नागरिक संहिता के संबंध में भी ऐसा ही हो रहा है .जिला वक्फ कमेटी के वर्तमान अध्यक्ष कसफुद्दोजा ने कहा की अब वक्फ बोर्ड पर गैर जरूरी विधेयक लाया जा रहा है. उन्होंने कहा की इस्लामी कानून के तहत वक्फ भूमि हमेशा कयामत तक वक्फ है. जिसमें किसी भी किस्म की तब्दीली खयानत है व बद दियानती है.

Waqf Board: सरकार को नहीं करना चाहिए हस्तक्षेप

सरकार विधेयक के आड़ में वक्फ जायदाद में खयानत करना चाहती है. उन्होंने कहा की मुस्लिम समुदाय की संपत्ति जो किसी नेक काम के लिए उनके ही द्वारा दिया गया है उसमें सरकार को किसी भी हालत में हस्तक्षेप नही करना चाहिए .सरकार इसी प्रकार का अनावश्यक कार्य कर देश के अमन और शांति को खत्म कर बिना मतलब का विवाद करने में लगी रहती है.

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