पटना.
पटना पुलिस और एसटीएफ की टीम ने बिहटा थाना के अमनाबाद और उसके आसपास के इलाके में बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया और 54 बालू माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही तीन लाख कीमत की पांच बालू लदी नावों को जब्त किया गया है. खास बात यह है कि सोन नदी से बालू निकालने के माफियाओं के नये तरीके का भी खुलासा हुआ है. माफियाओं ने ट्रक इंजन को मोडिफाइ करके बालू निकालने की मशीन बना ली थी. यह मशीन नाव से जुड़ी थी. इस मामले में बिहटा में दाे अलग-अलग केस दर्ज किये गये हैं. जब्त पांच नावों में करीब 50 ट्रैक्टर बालू लदे थे. पकड़े गये सभी लोग पटना, आरा, छपरा आदि जिलों के रहने वाले हैं. इधर, पुलिस व एसटीएफ के ऑपरेशन के दौरान उनकी नाव बालू माफियाओं की नाव से टकरा गयी. इस कारण सिटी एसपी वेस्ट अभिनव धीमान सहित कई पुलिसकर्मी नदी में डूबने से बच गये. सिटी एसपी वेस्ट अभिनव धीमान ने बताया कि ट्रक के इंजन को मोडिफाइ करके उस मशीन के माध्यम से बालू की निकासी सोन नदी से की जा रही थी. गिरफ्तार लाेग सिपाही गुट से जुड़े हैं. सभी को जेल भेज दिया गया है.महज आधे घंटे में निकाल लिया जाता है दस ट्रैक्टर बालू :
ट्रक के इंजन को मोडिफाइ कर बनायी गयी सक्शन मशीन से काफी तेजी से बालू की निकासी सोन नदी से होती है. एक नाव में करीब दस ट्रैक्टर बालू आता है और महज आधे घंटे में नाव को भर कर वहां से निकल जाते हैं. नाव से जुड़ी मशीन के पाइप को नदी के अंदर गहराई में डाला जाता है. इसके बाद मशीन को स्टार्ट कर दिया जाता है. इसके बाद नदी से बालू निकल कर नाव पर गिरती रहती है. जैसे ही नाव भर जाती है, वैसे ही मशीन को बंद कर दिया जाता है.बिहटा और मनेर दोनों तरफ से घेराबंदी कर की गयी गिरफ्तारी :
बालू के अवैध खनन की सूचना मिलने पर पटना पुलिस, एसटीएफ व बीएमपी के जवानों की दो टीमें बनायी गयीं. एक टीम ने आरा की तरफ से सोन नदी पार कर अमनाबाद की तरफ से घेराबंदी की और दूसरी टीम ने मनेर थाना के तरफ से घेराबंदी की. इसके बाद दोनों टीम ने एक साथ अमनाबाद इलाके में धावा बोला और 54 बालू माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया. दोनाें तरफ से घेराबंदी के कारण बालू माफिया नहीं भाग पाये. भागने के क्रम में बालू माफियाओं व पुलिस की नाव आपस में टकरा भी गयी. हालांकि कोई हादसा नहीं हुआ.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है