मकर संक्रांति आज, बाजारों में रही रौनक
बाजारों में दही-चूड़ा, गुड़ और तिलकुट की खरीदारी के लिए दिखी भीड़
आरा.
जिले में अधिकांश लोग को मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को मनायेंगे. इसके लिए जोर-शोर से तैयारी चल रही है. खरीदारी को लेकर लोग सोमवार को बाजारों में पहुंचे. मकर संक्रांति पर्व में उपयोग आनेवाले सामान की खरीदारी की. इसे लेकर सभी बाजारों में भीड़-भाड़ की स्थिति देखने को मिली. वहीं दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ लग रही है. इस तरह सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. उदया तिथि में पर्व को मनाने का है विधि विधान : सनातन संस्कृति के अनुसार किसी भी पर्व को मनाने का विधि विधान तिथि के अनुसार होता है, पर उदया तिथि को शुभ माना जाता है. मकर संक्रांति देवताओं के दिन का शुभारंभ होता है. इस दिन सभी देवता भगवान श्रीविष्णु और मां श्रीमहालक्ष्मी का पूजन-अर्चन करके अपने दिन की शुरुआत करते हैं. मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं तथा ऋतु परिवर्तन की शुरुआत होती है. वातावरण गर्म होने लगता है. जिले में है तिलवा का महत्व : जिले में संक्रांति में तिलवा का महत्व काफी है. लगभग सभी घरों में गुड चूड़ा या मूली से तिलवा बनाया जाता है. पहले घरों में महिलाएं स्वयं ही तिलवा बनाती थीं, जिससे लोग काफी पसंद करते थे एवं तिलवा मकर संक्रांति के दिन तथा उसके बाद ही खाते थे. लोगों में है काफी उत्साह का माहौल: हिंदू संस्कृति के अनुसार मकर संक्रांति एक महान पर्व है. इसे लेकर जिले में लोगों के बीच काफी उत्साह का माहौल है. लोग मकर संक्रांति को लेकर एक दूसरे को बधाई संदेश भेजने की शुरुआत कर चुके हैं. सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों से बधाई संदेश भेजे जा रहे हैं.मकर संक्रांति मनाने की शास्त्र सम्मत विधि विधान :
सर्व प्रथम शरीर पर तेल लगाएं. उबटन करें. तिल युक्त जल से स्नान करें. तिल मिश्रित शाकल्य से होम करें. तिलयुक्त पदार्थों का सेवन करें.तिलयुक्त जल का पान करें. मकर संक्रांति पूजा विधि : मकर संक्रांति के दिन सुबह किसी नदी,तालाब शुद्ध जलाशय में स्नान करें. इसके बाद नए या साफ वस्त्र पहनकर सूर्य देवता की पूजा करें.चाहें तो पास के मंदिर भी जा सकते हैं. इसके बाद ब्राह्मणों, गरीबों को दान करें.इस दिन दान में आटा, दाल, चावल, खिचड़ी और तिल के लड्डू विशेष रूप से दान करें.घर में प्रसाद ग्रहण करने से पहले आग में थोड़ी सा गुड़ और तिल डालें और अग्नि देवता को प्रणाम करें.मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त :
दिन पुण्य काल प्रातः काल 09 बजकर 03 मिनट से लेकर संध्याकाल 05 बजकर 46 मिनट तक है.इस अवधि में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान कर सकते हैं.महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 03 मिनट से लेकर 10 बजकर 48 मिनट तक है.इस दौरान पूजा और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी.14 जनवरी को संक्रांति का शुभ समय 09 बजकर 03 मिनट पर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है