हत्या के मामले में पिता-पुत्र व भाई समेत सात को आजीवन कारावास
नगर थानान्तर्गत गांगी पुल के समीप हुई थी घटना
आरा
. हत्या व हत्या प्रयास के एक मामले में तृतीय अपर जिला और सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने सोमवार को नगर थाना अंतर्गत आरोपित पिता पुत्र व भाई समेत सात को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को कुल 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अपर लोक अभियोजक अजय कुमार ने बताया कि नगर थानान्तर्गत गांगी पुल के समीप सूचक व दोषियों की मिठाई की दुकान है. मिठाई के भाव को लेकर दोनों के बीच आपस में विवाद हुआ था. 12 मार्च, 2017 की दोपहर करीब डेढ़ बजे बृज किशोर केसरी के पुत्र समेत आठ लोग आये और सूचक के पुत्र शुभम कुमार व सुमन को मारने लगे. अशोक कुमार चौरसिया बचाने लगा, तो उसे भी छुरा से मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया. इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना को लेकर गौसगंज निवासी सूचक राम नाथ चौरसिया ने अपने छोटे भाई की हत्या व पुत्र को जख्मी करने को लेकर थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अभियोजन की ओर से सात गवाहों की गवाही कोर्ट में हुई थी. एपीपी ने बताया कि सुनवाई के दौरान आरोपित बृजकिशोर केसरी की मृत्यु हो गयी थी. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद तृतीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने हत्या व हत्या के प्रयास करने का दोषी पाते हुए अजय केसरी, भुअर केसरी उर्फ अरुण केसरी, अनिल केसरी, गुड़ु केसरी व पप्पू केसरी पांचों के पिता स्व बृज किशोर केसरी, बिट्टू केसरी पिता अनिल केसरी एवं रितिक केसरी पिता भुअर केसरी को उक्त सजा सुनायी. बहस वरीय पीपी नागेश्वर दुबे ने किया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है