आरा : उग हो सूरज देव, भइल अरघ के बेर, जल बीच खाड़ बानी कांपता बदनवां, केरवा जे फरेला घवध से ओह पर सुगा मेड़राय…सहित कई छठ गीतों के बीच मंगलवार को छठ व्रतियों ने गाय के दूध से उदीयमान सूर्य को अर्घ दिया. वहीं, हवन के बाद चार दिवसीय आस्था व प्रकृति पूजा का महापर्व छठ संपन्न हो गया. सोमवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पण किया. श्रद्धालुओं ने छठ व्रत कर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की तथा देश को कोरोना जैसे संकट से उबारने की प्रार्थना की.
उदीयमान सूर्य को अर्घ के साथ महापर्व छठ संपन्न
हवन के बाद चार दिवसीय आस्था व प्रकृति पूजा का महापर्व छठ संपन्न हो गया. सोमवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पण किया. श्रद्धालुओं ने छठ व्रत कर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की तथा देश को कोरोना जैसे संकट से उबारने की प्रार्थना की.
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