2025 में बिहार में होगी जनता की सरकार, रोजगार की होगी गारंटी : प्रशांत

जन सुराज के विचारों से जुड़ने के लिए किया आह्वान

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 10:30 PM

पीरो.

वर्ष 2025 में बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में जनता की सरकार होगी. तब बिहार में आम लोगों के बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध करायी जायेंगी. ये बातें जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने पीरो स्थित हाइ स्कूल मैदान में सोमवार को आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं. प्रशांत किशोर ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि बिहार की जनता को धर्म, संप्रदाय, जाति के आधार पर बांट कर रखा गया है. जब तक आप धर्म, जाति के आधार पर वोट करेंगे, चुनाव में पैसा लेकर वोट देंगे, तब तक एक ईमानदार और जनहित में सोचने वाला जनप्रतिनिधि की अपेक्षा बेमानी है. उन्होंने कहा कि पहले 40-45 साल आपने कांग्रेस को सत्ता दिया. उसके बाद आपके वोट से लालू यादव ने बिहार में 15 वर्षों तक राज किया. अब नीतीश कुमार पिछले करीब 16 वर्षों राज कर रहे हैं, लेकिन इतने दिनों में बिहार के आम लोगों की हालत नहीं बदली. इसका कारण बिहार की जनता स्वयं है. बिहार के लोगों ने कभी वोट देने के समय अपना और बच्चों का ख्याल किया ही नहीं. सभा को आनंद मिश्र, पत्रकार प्रियरंजन, कोईलवर नप अध्यक्ष सरताज आलम, शाहपुर प्रखंड प्रमुख गीता देवी, किरण सिंह समेत कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया. बिहार के हर गांव में नीतीश कुमार से ज्यादा पढ़े लिखे व समझदार रहते हैं : प्रशांत किशोर : आरा. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर सोमवार को एकदिवसीय दौरे पर आरा पहुंचे. जहां बड़ी संख्या में लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया. सबसे पहले प्रशांत ने आरा के सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता की, जिसमें उन्होंने तेजस्वी यादव को खुली चुनौती देते हुए कहा कि तेजस्वी यादव पांच मिनट भी समाजवाद पर बोल नहीं सकते. यदि वह 10 दिन ट्यूशन कर लें फिर भी कैमरे पर नहीं बता सकते की समाजवाद क्या है? बिहार का यह दुर्भाग्य है कि पिछले 30 वर्षों से उनको नेता बनाये रखा है, जिनको न तो भाषा का ज्ञान है और न ही विषय की कोई समझ है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि उन्हें ही आप जमीनी नेता बताते हैं. नीतीश कुमार इंजीनियर हैं, तो हमने यह मान लिया कि वहीं सबसे ज्यादा समझदार व्यक्ति हैं. पूरे बिहार में यह सच नहीं है. जहां बुद्ध-महावीर पैदा हुए, वहां हर गांव में नीतीश कुमार से ज्यादा पढ़े लिखे और समझदार लोग रहते हैं. इसलिए जरूरत है कि हमें गांव-गांव से समझदार व्यक्ति को ढूंढ कर उन्हें राजनीति में आने का मौका देना चाहिए.

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