Bihar by-Election : आरा. भोजपुर की महिलाओं को भले ही पंचायतों में 50 फीसदी तक हिस्सा मिल गया हो, लेकिन विधानसभा में महिलाओं की हिस्सेदारी बेहद कम रही है. जिले में मतदाताओं के रूप में महिलाओं की तादाद लगभग पुरुष मतदाताओं के बराबर ही है. इसके बावजूद आधी आबादी विधानसभा चुनाव जीतने में अब तक पिछड़ रही है. तरारी विधानसभा सीट से आधी आबादी की तरफ से कोई भी महिला अब तक विधायक नहीं बन पाई है. इस सीट पर अभी उपचुनाव होना है. इस बार भी प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने महिला को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में इस उपचुनाव में महिलाओं के हाथ विधायकी आती है या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा.
जन सुराज पार्टी ने जताया महिला पर विश्वास
इस बार के उपचुनाव में एनडीए और इंडिया के बीच सीधा मुकाबला होगा. वैसे जनसुराज पार्टी की भूमिका को भी महत्वपूर्ण होगी. तीनों प्रमुख पक्षों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. एनडीए से बाहुबली नेता सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत को टिकट दिया है, वहीं इंडिया गठबंधन से राजू यादव उम्मीदवार बनाये गये हैं. जनसुराज पार्टी ने पहले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन स्थानीय विरोध के बाद प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार बदल दिये हैं. यहां से किरण सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है.
अब तक महिला उम्मीदवार को मिली है हार
भोजपुर जिले के आरा, बड़हरा, शाहपुर, संदेश, सहार और पीरो विधानसभा क्षेत्र से एक-एक बार नहीं बल्कि कई-कई बार महिलाओं ने विधायक बन कर अपना परचम लहराया है, परंतु नए परिसीमन के बाद तरारी से अब तक कोई भी महिला विधानसभा में नहीं पहुंच पाई है. ऐसा नहीं है कि यहां की महिलाओं ने प्रयास नहीं किया है, परंतु अब तक तरारी विधानसभा में तीन-तीन बार विधानसभा चुनाव होने के बाद भी ये लोग विधानसभा का सदस्य बनने में असफल रह गई है. हालांकि, इस बार के उप चुनाव में महिलाओं के विधायक बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
Also Read: Bihar Land Survey: नाकाफी रही ट्रेनिंग, सरकार सर्वे कर्मियों को अब देगी कैथी लिपि की किताब
वर्ष 2015 के चुनाव में गीता ने सुदामा को दी थी कड़ी टक्कर
तरारी विधानसभा क्षेत्र से महिला प्रत्याशी चुनाव जीतने का प्रयास करती रही है. वैसे तो सभी वर्ष 2010, 2015 और 2020 के चुनाव में महिला प्रत्याशियों ने अपना अपना भाग्य आजमाया था, परंतु वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव कुछ अलग ही था. इस चुनाव में गीता पांडे ने सुदामा प्रसाद को कड़ी टक्कर दी थी गीता पांडे को जहां 43 778 मत मिले थे, वहीं सुदामा प्रसाद 44050 मत लाकर किसी प्रकार अपनी जीत 272 वोट से दर्ज की थी. इस चुनाव में महिला प्रत्याशी ने कड़ी टक्कर देकर पूरे जिले में हलचल मचाते हुए यह एहसास कर दिया था कि हम महिलाएं भी किसी से पीछे नहीं है.