Bihar Land Survey: बिहार सरकार जहां एक तरफ जमीन का सर्वे कराकर जमीन के सही हकदारों को कागजात पर नाम चढ़ाने का प्रयास कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भोजपुर जिले में सीओ एवं राजस्व कर्मचारियों द्वारा वर्षों से ऐसा नहीं होने देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. इससे पूरे जिले के लोग त्रस्त हैं. जिलावासी त्राहिमाम कर रहे हैं. इसके बावजूद इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे अंचलाधिकारियों एवं राजस्व कर्मचारी का मनोबल बढ़ा हुआ है. वहीं लोग मायूस हो रहे हैं. यही स्थिति भूमि सुधार उप समाहर्ता की भी है.
Bihar Land Survey: सीओ नहीं सुन रहे दोनों पक्षों की बात
जिले के सभी 14 अंचलों में अंचलाधिकारियों के पास प्रतिदिन दाखिल खारिज के दर्जनों मामलों ऑनलाइन किये जा रहे हैं. नियमानुसार इन आवेदनों पर अंचलाधिकारियों को तिथि निर्धारित कर दोनों पक्षों को बुलाया जाना चाहिए एवं उनकी बातों को सुनकर फिर जांच करने के बाद निर्णय सुनाया जाना चाहिए, पर अंचलाधिकारियों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है. जबकि अंचलाधिकारियों का भी कोर्ट होता है. जहां दोनों पक्षों को बुलाया जाता है.
छोटी-मोटी सुधार के लिए आवेदकों को मौका दिया जाना चाहिए एवं उसे पर कार्रवाई करनी चाहिए. राजस्व कर्मचारी अपने मन से कुछ भी मंतव्य लिख देते हैं एवं अंचलाधिकारी उसके अनुसार लोगों के आवेदन को खारिज कर देते हैं. इसे लेकर पूरे जिले के लोगों में आक्रोश का माहौल है.
Bihar Land Survey: गलत डेटा को सुधारने का है नियम
दाखिल खारिज के आवेदन को ऑनलाइन करते समय यदि भूल बस खाता नंबर, खेसरा नंबर, मौजा या थाना नंबर आदि गलत अंकित हो जाता है तो उसे सुधारने का नियम है. अमेंडमेंट करने के लिए समय दिया जाता है. जबकि अंचलाधिकारियों एवं राजस्व कर्मचारियों द्वारा इसके लिए समय नहीं दिया जा रहा है, बल्कि सीधे खारिज कर दिया जाता है.
Bihar Land Survey: पैसा नहीं देने पर आवेदन कर दे रहे खारिज
हालत यह है कि दाखिल खारिज के लिए आवेदन देनेवाले लोगों में से जो लोग चढ़ावा नहीं चढ़ा रहे हैं. उनके आवेदन को गलत आरोप लगाकर खारिज कर दिया जा रहा है. इस कारण लोग काफी भयभीत हैं. इस स्थिति में आखिर सर्वे के दौरान कैसे रसीद या अन्य कार्य दिखा पायेंगे. ऐसी स्थिति में सर्वे में कैसे उनके नाम पर जमीन दर्ज होगा.
Bihar Land Survey: जिले में हैं कुल 14 अंचल
जिले में कुल 14 अंचल हैं. सभी अंचलों में प्रतिदिन दर्जनों आवेदन दाखिल खारिज के लिए दिए जा रहे हैं. आवेदन खारिज होने के बाद पीरो, जगदीशपुर एवं आरा सदर भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में भी प्रतिदिन दर्जनों आवेदन दिए जा रहे हैं.आरा सदर भूमि सुधार उपसमाहर्ता के कार्यालय में आवेदनों की स्थिति काफी दयनीय है. सुनवाई, कार्रवाई तथा निष्पादन की प्रक्रिया काफी धीमी होने के कारण लंबित मामलों का बोझ प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है. इसके बावजूद इसकी परवाह किसी को नहीं है.
Bihar Land Survey: जिले में कितने मामले हैं लंबित
भोजपुर जिले में म्यूटेशन के लिए दिये गये आवेदनों में 75 दिनों से ज्यादा समय तक लंबित मामलों में लगभग 8000 पेंडिंग केस एवं 35 दिन से ज्यादा लंबित मामलों में लगभग 5000 पेंडिंग केस हैं. हालांकि यह सरकारी आंकड़े हैं धरातल पर इससे लगभग डेढ़ गुना अधिक मामले लंबित हैं.
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क्या कहते हैं लोग
मेरा ऑनलाइन के समय केवल मौजा गलत अंकित हो गया था. राजस्व कर्मचारी और अंचलाधिकारी को मुझे समय देना चाहिए था, ताकि इसे सुधार किया जा सके, पर ऐसा नहीं किया गया.
-कृष्णा प्रसाद
मैंने खाता संख्या 198 खेसरा संख्या 361 मौजा पकड़ी आरा के लिए दो वर्ष पहले दो बार सरकार के निर्देश के आलोक में परिमार्जन का आवेदन दिया. इसके बावजूद मेरा राजस्व रसीद ऑनलाइन नहीं किया गया.
– मीना कुमारी
एक ही मौजा के एक ही खाता, खेसरा में कई लोगों ने जमीन खरीदा है तो कुछ लोगों का म्यूटेशन कर दिया जाता है और कुछ लोगों का विशेष कारण से म्यूटेशन नहीं किया जाता है. इसकी जांच होनी चाहिए.
– अशोक कुमार सिंह
एक ही मौजा के एक ही खाता एवं खेसरा होने के बावजूद कई लोगों का रजिस्टर टू पर नाम चढ़ा कर उनका राजस्व रसीद ऑनलाइन कर दिया जाता है और कई लोगों का नहीं किया जाता है.
प्रकाश रंजन पंडित
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
इसकी जांच की जायेगी. यह गंभीर मामला है. दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
तनय सुल्तानिया, जिलाधिकारी
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