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Bihar: विशेश्वर ओझा हत्याकांड में आया फैसला, सात आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने छह को किया बरी

Bihar: विशेश्वर ओझा हत्याकांड मामले में फैसला आ गया है. इस मामले में कोर्ट ने मिश्रा बंधु समेत सात लोगों को दोषी करार दिया. इस मामले में छह लोगों को बरी किया गया है.

By Ashish Jha | April 10, 2024 6:49 AM

Bihar: आरा. भोजपुर जिले के बहुचर्चित विशेश्वर ओझा हत्याकांड में कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया है. भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा को गोलियों से भून डाला गया था. भोजपुर जिले की एडीजे-8 की कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा समेत सात को दोषी ठहराया है. वहीं, साक्ष्य के अभाव में छह को दोषमुक्त भी कर दिया गया है. ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा सगे भाई हैं. कोर्ट ने उन्हें इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला करार दिया है.

इन लोगों को माना गया दोषी

कोर्ट ने हरेश मिश्रा और उसके भाई ब्रजेश मिश्रा को हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले का दोषी पाया है. वहीं, उमाकांत, टुनी, बसंत, पप्पू औ हरेन्द्र सिंह को 307 आईपीसी एवं 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया गया. कोर्ट ने इस कांड में आरोपी बनाये गये कुंदन, संतोष, विनोद, भृगु, मदन, बबलू को संदेह का लाभ देते हुए इन सभी 6 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है. खचाखच भरे कोर्ट रूम में एडीजे-8 ने चार बजकर, एक मिनट पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित ब्रजेश मिश्रा को सबसे पहले फैसले की जानकारी दी. इस मामले में सजा की बिंदु पर सुनवाई अगली तारीख को होगी। कोर्ट दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनायेगी.

क्या है पूरा मामला

यह मामला 8 साल पुराना है. 12 फरवरी, 2016 की शाम विशेश्वर ओझा अपनी सफारी गाड़ी से ड्राइवर राकेश कुमार ओझा और चार अन्य समर्थकों के साथ बभनौली निवासी चंदेश्वर उपाध्याय के भतीजे की बारात में सम्मिलित होने परसोंडा टोला स्थित मृत्युंजय मिश्रा के यहां आए थे. वहां से एक दूसरी गाड़ी उनके काफिले में शामिल हो गई. विशेश्वर ओझा के घर लौटने के दौरान सोनबरसा मैदान में मिश्रा बंधुओ ने अपने सहयोगियों के साथ उनकी गाड़ी को रोक लिया और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में विशेश्वर ओझा एवं उनके ड्राइवर राकेश कुमार ओझा को गोली लगी थी. अस्पताल ले पहुँचने पर डॉक्टरों ने विशेश्वर ओझा को मृत घोषित कर दिया था. इस कांड में राजनाथ ओझा के बयान पर शाहपुर थाना कांड संख्या- 48/2016 अंकित किया गया था। जिसमें कुल सात नामजद एवं तीन-चार अन्य अज्ञात का जिक्र किया गया था। पुलिस ने अपनी जांच के बाद कुल 13 अभियुक्त के विरुद्ध न्यायालय में 2आरोप पत्र समर्पित किये थे.

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मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या

इस कांड में मुख्य साजिशकर्ता और अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा के मामले के ट्रायल के दौरान गवाही से पहले ही मुख्य गवाह और चश्मदीद कमल किशोर मिश्रा की हत्या 28 सितंबर, 2018 को कर दी गई थी. बाद में जिला अभियोजन पदाधिकारी माणिक कुमार सिंह ने ट्रायल के दौरान कमल किशोर मिश्रा की गवाही और प्रति परीक्षण को उनकी हत्या के उपरांत प्रदर्श के रूप में अंकित कराया गया, जिसे न्यायालय ने बहस के दौरान साक्ष्य परीक्षण के तौर पर स्वीकार कर लिया और उसी के आधार पर आज यह फैसला सुनाया है. जिला अभियोजन पदाधिकारी सह अपर लोक अभियोजक माणिक कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य गवाह कमल किशोर मिश्रा की हत्या के मामले में मिश्रा बंधु ब्रजेश मिश्रा और उसका एक भाई के साथ-साथ उसके सहयोगी दोष साबित हो चुके हैं. एडीजे -2 अखिलेश सिंह की अदालत ने पिछले महीने ही उन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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