पटना से सारण तक बस जाम ही जाम
पटना के बिहटा से भोजपुर जिले के कोईलवर के मनभावन मोड़ से लेकर सारण के छपरा शहर तक जाम के झाम से आम जनजीवन त्रस्त है. एक तरफ स्थानीय लोग सड़क पर नहीं निकल पा रहे तो दूसरी तरफ कई घंटों और कई दिनों तक जाम में फंसकर वाहनों की स्थिति बदतर हो चुकी है.
By Prabhat Khabar News Desk |
April 5, 2024 10:24 PM
कोईलवर.
पटना के बिहटा से भोजपुर जिले के कोईलवर के मनभावन मोड़ से लेकर सारण के छपरा शहर तक जाम के झाम से आम जनजीवन त्रस्त है. एक तरफ स्थानीय लोग सड़क पर नहीं निकल पा रहे तो दूसरी तरफ कई घंटों और कई दिनों तक जाम में फंसकर वाहनों की स्थिति बदतर हो चुकी है. स्थिति यह है कि कोईलवर के मनभावन और स्कड्डी मोड़ से सारण के डोरीगंज के तकरीबन 16 से 20 किमी के रास्ते को पार करने में ट्रकों को एक दिन से ज्यादा का समय लग जा रहा है. यह हालात पिछले एक हफ्ते से यथावत बनी हुई है.
सारण के खस्ताहाल सड़क ने रोक दी है वाहनों की गति :
कोईलवर के रास्ते छपरा, सीवान जाने वाले ट्रक चालक बताते हैं कि डोरीगंज से छपरा जाने के क्रम में रौजा और बिशुनपुर नामक जगह पर सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है. सड़क पर दो से चार फुट तक गड्ढे हैं जिसमे फंसकर प्रतिदिन कई बालू लदी बड़ी गाड़ियां खराब हो रही है. बीच सड़क पर गाड़ी खराब होने की वजह से यातायात अवरुद्ध हो रहा है जिसकी वजह से गाड़ियों के रफ्तार पर ब्रेक लग जा रहा है. इसके साथ ही बिशुनपुर मेले के पास के रेलवे फ्लाइओवर के क्षतिग्रस्त हो जाने से डोरीगंज से लेकर कोईलवर तक गाड़ियां थम जा रही हैं. जानकार वाहन चालक बताते हैं कि उक्त सड़क को बना दिया जाये, तो बड़े ट्रक कोईलवर से छपरा बाइपास तक कि दूरी सिर्फ डेढ़ घंटे में तय कर सकते हैं. रही सही कसर कोईलवर के मनभावन मोड़ से डोरीगंज तक के फोरलेन के पुनर्निर्माण में हो रही देरी पूरा कर रहा है. कोईलवर से डोरीगंज तक के एक लेन की सड़क को पुनर्निर्माण के लिए उखाड़ दिया गया है, लेकिन नौ महीने बाद भी 20 किमी में से मुश्किल से पांच किमी की सड़क ही बन पायी है.
भोजपुर और सारण के अवैध घाटों से निकल रहे ट्रैक्टर बढ़ा रहे मुसीबत :
कोईलवर से बबुरा और कुतुबपुर तक दर्जनों वैध और अवैध बालू घाट चल रहे हैं. जहां से बालू लेकर निकल रहे ट्रैक्टर परेशानी का सबब बन रहे हैं. बालू घाटों से निकलने वाले अधिकतर ट्रैक्टर अवैध रूप से बालू की ढुलाई करते हैं. जिसकी वजह से वे जल्दबाजी में रहते हैं. आगे निकलने की आपाधापी में ये ट्रैक्टर सड़कों के मुहाने और सड़क के खाली चाट में भी दौड़ते हैं जिसकी वजह से जाम और विकराल रूप पकड़ लेता है. बालू लदे ट्रैक्टरों की मनमानी का आलम यह है कि डोरीगंज से लेकर भोजपुर के अंतिम छोर बिहटा इमादपुर तक ये बेतहाशा दौड़ रहे हैं और जल्दबाजी के चक्कर में दुर्घटना का कारण बन रहे हैं. राजापुर और कुतुबपुर में तो आलम यह है कि अवैध घाट संचालक फोरलेन सड़क के यातायात को घंटों तक रोक कर घाटों से निकल रहे ट्रैक्टर को आगे बढाते हैं.
नगर का सर्विस रोड भी बालू लदे ट्रकों से पैक :
कोईलवर शहीद कपिलदेव चौक से लेकर झलकुनगर मोड़ तक कि फोरलेन सड़क नगर की सर्विस लेन है. लेकिन बालू लदे ट्रकों ने इन्हें भी नहीं बख्शा है. शहीद कपिलदेव चौक से झलकुनगर तक के तीन किमी तक कि सड़क का दोनों लेन चौबीसों घंटा जाम रह रहा है. हालत यह है कि एक लेन में ट्रक कतारबद्ध खड़े हैं, तो दूसरी लेन से बालू वाले ट्रक बेतहाशा दौड़ रहे हैं. ऐसे में चौक चौराहों पर लोग जाने से भी कतरा रहे, जबकि यह सड़क नगर पंचायत कोईलवर का मुख्य सड़क है और इसी रास्ते ब्लॉक थाना अस्पताल से लेकर बाजार तक जाना होता है.
कोढ़ में खाज बन रहे हैं इंट्री गिरोह :
जाम के झाम में इंट्री गिरोह कोढ़ में खाज का काम कर रहे हैं. शाम ढलते ही इनका खेल शुरू हो जाता है. दिन में बालू घाटों पर बालू लादने के बाद ओवरलोड ट्रकों को ये शाम होते ही मुख्य सड़क पर ले आते हैं और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से लाइन में खड़ी गाड़ियों को दरकिनार कर रांग साइड से पार कराते हैं. रात होते ही सैकड़ों की संख्या में ये बालू लदे ट्रक नो एंट्री और रांग साइड से जाते हुए देखे जा सकते हैं.
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी शक के दायरे में :
एक तरफ कई किलोमीटर की लंबी लाइन उस पर से इंट्री गिरोह द्वारा ट्रकों के रांग साइड से पार कराने की कारगुजारी के वजह से जाम की समस्या उत्पन्न होने से स्थानीय पुलिस प्रशासन की चुप्पी शक के दायरे में हैं. सड़क किनारे के स्थानीय लोग कहते हैं कि पुलिस की मिलीभगत से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां इंट्री गिरोह द्वारा पार कराया जा रहा है, लेकिन प्रशासन सड़क पर कहीं नहीं दिख रहा है. आये दिन सड़क दुर्घटना में लोग काल कवलित हो रहे हैं. बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.