मिट्टी के दीये जलायेंगे, अपनी परंपरा को हर हाल में निभायेंगे

प्रभात खबर के अभियान के तहत हरखेन कुमार जैन ज्ञानस्थली विद्यालय में दिलायी गयी शपथ

By Prabhat Khabar News Desk | October 24, 2024 10:05 PM

आरा.

मिट्टी के दीये जलायेंगे, अपनी प्राचीन परंपरा को हर हाल में निभायेंगे. नगर के हरखेन कुमार जैन ज्ञानस्थली विद्यालय में सहित विभिन्न संस्थाओं में दीपावली में मिट्टी के दीये जलाने का संकल्प अभियान प्रभात खबर के माध्यम से लिया गया. इस दौरान लोगों ने कहा कि अब विदेशी सामान का बहिष्कार करने का समय आ गया है. अपने लोगों के बीच के सामान की खरीदारी से एक तरफ उनके भी जीवन स्तर में सुधार होता है. वहीं, देश का पैसा देश में ही रह जाता है. इससे देश समृद्धि की ओर बढ़ सकता है. संकल्प अभियान में शामिल स्कूली बच्चों और लोगों ने कहा कि प्रभात खबर द्वारा आयोजित कार्यक्रम मिट्टी के दीयों से घर हो रोशन काफी सुंदर और बेहतर पहल है. लोगों ने संकल्प लेते हुए कहा कि दीपावली में मिट्टी के दीये ही जलाएं, इनकी सुंदरता देखते ही बनती है. वहीं कई वैज्ञानिक कारण भी मिट्टी के दीयों को जलाने को लेकर हैं. प्रभात खबर के कार्यक्रम में जुटे लोगों ने दीपावली को लेकर एवं दीपावली में मिट्टी के दीये जलाने को लेकर वैज्ञानिक कारण, आर्थिक कारण ,पर्यावरणीय कारण आदि के बारे में विस्तार से अपने विचार व्यक्त किये. यह कार्यक्रम हरखेन कुमार जैन ज्ञानस्थली विद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. छात्रों, शिक्षकों ,अभिभावकों ने व्यक्त किये उद्गार : विज्ञान के अनुसार दीपक जलने से वातावरण शुद्ध होता है. इस दिन वायुमंडल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव ज्यादा होता है. पूरे ब्राह्मंड में दैविक ऊर्जा शक्ति व्याप्त रहती है. रसायन विज्ञान के अनुसार सरसों के तेल में ऐसे तत्व होते हैं, जो वातावरण में मौजूद रसायनों से प्रतिक्रिया करके विषैले तत्वों, कीट-पतंगे, रोगाणु आदि को मारने में सहायक रहते हैं. दीपावली मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण ये भी हो सकता है. आपको बता दें कि रसायन विज्ञान भी इस बात की पुष्टि करता है. दीपक के जलने से साफ होती है हवा : दीपक जलने से वातावरण में नमी भी बढ़ती है. वहीं, ज्यादा संख्या में दीपक जलाने से वातावरण का तापमान बढ़ जाता है. ठंड के समय में हवा भारी होती है. दीपक जलाने से वह हल्की और साफ हो जाती है. रोगाणुओं को मारता है घी का दीपक: गाय के देसी घी के दीपक लगाने से वातावरण शुद्ध रहता है क्योंकि देसी गाय के दूध से बना घी रोगाणुओं को मारता है. वातावरण साफ रखने से इम्यून सिस्टम बेहतर रहता है और व्यक्ति निरोगी रहता है. मिट्टी के दीये जलाने का आर्थिक महत्व : दीपावली के कारण लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. इस समय भारतीय किसान की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहती है. जिससे पर्व में लोग नए कपड़े, घर के सामान, उपहार, सोने, चांदी, वाहन, मिट्टी के दीये, कलश, बर्तन सहित अन्य सामानों की खरीदारी करते हैं. जैन ज्ञानस्थली के प्राचार्य डॉ आदित्य तिवारी ने कहा कि दीपावली के दिये फसल की कटाई और बरसात के बाद उत्पन्न हुए हानिकारक कीटों को नियंत्रित करता है, यह वैज्ञानिक तथ्य है. इससे बेरोजगारी दूर होती है.अपने नजदीक के कारीगरों को रोजगार मिलता है.उनका जीवन स्तर सुधरता है एवं उनके जीवन में खुशहाली आती है.मिट्टी के दीये को लेकर छात्र-छात्राओं ने कहा : मिट्टी के दीये को लेकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने कहा कि हम लोग दीपावली में मिट्टी के दीये ही जलायेंगे. प्रभात खबर की अपील काफी महत्वपूर्ण है. इससे समाज के एक वर्ग को रोजगार मिलेगा. प्रभात खबर की मुहिम देश हित में है एवं इसका दूरगामी परिणाम होगा. हम सभी प्रभात खबर की अपील के साथ हैं.

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