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मोटे अनाज से सभी गंभीर बीमारियों से मिल सकती है निजात : डॉ खादर वली

कोईलवर प्रखंड स्थित बहियारा गांव में विश्वविख्यात मिलेट्समैन पद्मश्री डॉ खादर वली का व्याख्यान हुआ

By Prabhat Khabar News Desk | November 25, 2024 9:53 PM

आरा.

कोईलवर प्रखंड स्थित बहियारा गांव में सोमवार को विश्वविख्यात मिलेट्समैन पद्मश्री डॉ खादर वली ने आहार में बदलाव कर बिना दवा के किसी भी बीमारी का सफल उपचार करने का मंत्र दिया. स्वस्थ भारत निर्माण की बुनियाद रखने को लेकर मिलेट्स आधारित आहार को अपनाने का पूरे देश में अभियान छेड़ने वाले भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ आरके सिन्हा की देखरेख में विश्वविख्यात मिलेट्समैन पद्मश्री डॉ खादर वली का व्याख्यान हुआ, तो व्याख्यान को सुनने के लिए भोजपुर सहित आसपास के जिलों के सैकड़ों लोग उमड़ पड़े. बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने पद्मश्री डॉ खादर वली के व्याख्यान को गंभीरतापूर्वक सूना. उन्होंने कहा कि प्राचीन खान-पान पद्धति को अपना कर सभी बीमारियों को दूर भगाया जा सकता है. उन्होंने मोटे अनाज पर आधारित आहार के सेवन से सभी बीमारियों की खात्मा का दावा किया. उन्होंने ज्वार, बाजड़ा, कोदो, कंगनी, रागी, सांवा जैसे मिलेट्स के फायदे बताये और उसके सेवन से अलग-अलग कई बीमारियों को बिना दवा के खत्म करने के प्रोटोकॉल बताये. उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से यही भोजन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही भोजन था, लेकिन एक विदेशी साजिश के तहत भारत में चावल और गेहूं की खेती को बढ़ावा दिया गया और देश को बीमारियों की आग में झोंक दिया गया. बाद में साजिश रचनेवाली यही विदेशी कंपनियां टेबलेट और इंजेक्शन बनाकर भारत में बेचने पहुंच गयीं. पद्मश्री डॉ खादर वली ने कहा कि हमने वैसे कैंसर पीड़ित को ठीक करके नयी जिंदगी दी है, जिसे डॉक्टर ने यह कहते हुए अस्पताल से घर भेज दिया था कि बस दो चार दिन की ही आपकी जिंदगी बची है. यह सब सिर्फ मोटे अनाज पर आधारित भोजन और वर्तमान आहार में बदलाव करके संभव कर दिखाया.

उन्होंने कहा कि देश को स्वस्थ करने का अभियान लगातार चलता रहेगा और किसानों को मोटे अनाज की खेती की तरफ फिर से वापस लाना है. डॉ आरके सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से देश में शुगर, ब्लडप्रेसर, हृदय रोग, कैंसर जैसी भयानक बीमारियां पांव पसार चुकी हैं. ऐसे में अब गेहूं और उजले चावल से किसानों को और नागरिकों को दूरी बनानी होगी. सौ साल पहले लोग ज्वार, बाजड़ा, कोदो, कंगनी, मड़ूआ, हरा सांवा पर आधारित खाना खाकर सौ साल से अधिक की जिंदगी जीते थे. आज गेहूं, चावल जैसे अनाज खाकर लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. डॉ सिन्हा ने किसानों को मोटे अनाज की तरफ लौटने का आह्वान करते हुए कहा कि ज्वार, बाजड़ा, कोदो, कंगनी, रागी, सांवा के बीज, वे निःशुल्क उपलब्ध भी करायेंगे. इसके पूर्व एसीएफएल बैंक के सीइओ ज्ञान मोहन ने डॉ वली व डॉ सिन्हा को स्वागत किया.

जबकि आद्या मिल्क एंड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक प्रशासन एवं वित्त रत्ना सिन्हा ने मोटे अनाज से बने गुलदस्ता भेंट कर सभी अतिथियों को सम्मानित किया. संचालन डॉ सुरेंद्र सागर ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एसीएफएल बैंक के उपाध्यक्ष शुभम विनीत ने किया. कार्यक्रम में नाबार्ड के एजीएम रंजीत कुमार सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और संपादक मुरली मनोहर श्रीवास्तव, जगजीवनराम शोध संस्थान के निदेशक नरेंद्र पाठक, पत्रकार रवि शंकर श्रीवास्तव, खनगांव पंचायत की मुखिया शालिनी सिंह, राष्ट्रीय कुंवर वाहिनी के अध्यक्ष धीरज कुमार सिंह, दीपक श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, दिव्यांशु सिन्हा, सचिन सिन्हा, मनी भूषण श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव, कमल नयन सिन्हा, डॉ संदीप कुमार, सुनील सिन्हा, श्रीमती वंदना सिन्हा, गोल्डी सिन्हा, पल्लवी सिन्हा, पायल, सोनालिका सिन्हा, प्रियंका श्रीवास्तव, रणविजय सिंह, धीरेंद्र सिन्हा, मिथिलेश कुमार पासवान, भदवर पैक्स अध्यक्ष सतीश कुमार सिंह, सुनील श्रीवास्तव, संगीता कुमारी, पूनम सहाय, इंदु देवी, नीलम देवी, रणविजय सिंह, दूरदर्शन की उद्घोषिका श्वेता सुरभि, सागरिका चौधरी, शिवानी श्री समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए. कार्यक्रम के बीच में मशहूर लोक गायिका मनीषा श्रीवास्तव के मिलेट्स पर आधारित गीत गाये.

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