एडीजे ने फर्जी रजिस्ट्री के मामले में हुई रिहाई के आदेश को किया निरस्त
जगदीशपुर थाना में 63/2003 प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी
आरा. जमीन की फर्जी रजिस्ट्री के मामले में अभियुक्तों की हुई रिहाई के खिलाफ दाखिल क्रिमिनल अपील की सुनवाई के बाद द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अखिलेश कुमार सिंह ने निचली कोर्ट के अभियुक्तों को दोष मुक्त रिहाई के आदेश को निरस्त कर दिया. अभियोजन अपील की ओर से लोक अभियोजक नागेश्वर दुबे ने बहस किया था. उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी सह जिला निबंधक पदाधिकारी के आदेश पर तत्कालीन जगदीशपुर के अवर निबंधक नीरज कुमार ने फर्जी रजिस्ट्री को लेकर ह्रदयानंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ जगदीशपुर थाना में 63/2003 प्राथमिकी दर्ज करायी थी. सीजेएम द्वारा 24 फरवरी 2007 को संज्ञान लेकर एसीजेएम – 9 के कोर्ट में भेज दिया गया था. लोक अभियोजक श्री दुबे ने बताया कि उनके कोर्ट में रजिस्टर्ड फर्जी दस्तावेज समेत अन्य का प्रदर्श हुआ था. बाद में ट्रायल के लिए तत्कालीन सुमन कुमारी के कोर्ट में भेज दिया गया. 24 जनवरी 2020 को कोर्ट द्वारा बिना उक्त सारे प्रदर्श को मंगाये तीन अभियुक्तों ह्रदयानंद सिंह, ओंकार नाथ सिंह व गोरखनाथ सिंह को आरोप रिहाई के आदेश दिया गया. इस फैसले के खिलाफ अभियोजन की ओर से पीपी द्वारा अपील संख्या 10/2020 दाखिल किया गया. उन्होंने बताया कि बाद में एक अभियुक्त पर कोई आदेश नहीं होने पर अपील में ओम प्रकाश सिंह का भी नाम जोड़ा गया. द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अपील स्वीकृत करते हुए निचले कोर्ट के दोष मुक्त करते हुए रिहाई के आदेश को निरस्त कर दिया.
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