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सामूहिक विवाहोत्सव में 14 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे

पीरो में आयोजित सामूहिक विवाहोत्सव समारोह में पहुंचे थे हजारों की संख्या में लोग

पीरो.

गैर सरकारी संस्था परमेश्वरी सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में मंगलवार को पीरो में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के दौरान कुल चौदह जोड़े विधिवत रूप से परिणय सूत्र में बंधकर जीवन की नयी पारी की शुरुआत की. संस्था द्वारा लगातार दूसरे तीसरे वर्ष यहां सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया. सामूहिक विवाहोत्सव समारोह के आयोजन को ले स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला. खासकर काफी संख्या में महिलाएं आयोजन स्थल पर पहुंचकर नव वर-वधु के सामूहिक विवाह की साक्षी बनीं. पीरो अनुमंडल मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक पड़ाव मैदान में आयोजित इस समारोह का उद्घाटन संत गोविंदाचार्य जी महाराज ने गण्यमान्य लोगों की मौजूदगी में दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस मौके पर यहां मौजूद लोगों ने कहा कि इस तरह के सामूहिक विवाह का आयोजन निश्चय ही सराहनीय पहल है. इससे समाज के लोगों में अच्छा संदेश जायेगा. इस समारोह में परिणय सूत्र में बंधे वर-वधू को संस्था की ओर से उपहार स्वरूप घर गृहस्थी के सारे सामान, वस्त्र, जेवर आदि प्रदान किये गये. साथ ही समारोह में आए वर-वधू पक्ष के सभी लोगों के लिए भोजन, जलपान आदि की भी व्यवस्था की गयी थी. समारोह का संचालन एंकर रविरंजन राय ने किया. समारोह में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राजू रंजन, संजय मिश्रा, अरुण शर्मा, छोटू सिंह, संजीत मिश्र सहित आसपास के गांवों व पीरो नगर क्षेत्र की हजारों महिलाएं मौजूद थीं.

पारंपरिक विवाह गीतों से हेमा पांडेय और अंजली भारद्वाज ने बांधा शमा :

परमेश्वरी सोशल वेलफेयर ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के दौरान चर्चित लोक गायिका हेमा पांडेय और अंजली भारद्वाज तथा उनकी टीम के सदस्यों ने पारंपरिक विवाह गीतों से शमा बांध दिया. इस दौरान हेमा, करीना सहित अन्य गायक कलाकारों ने एक से बढ़कर विवाह गीतों की प्रस्तुति की. आमतौर पर विवाह के दौरान तिलकोत्सव हल्दी, मंडपाच्छादन, गुरहथी व दरवाजे पर बारात के पहुंचने के समय गाए जाने वाले पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति से वहां मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गये. तिलक समारोह में गाए जाने वाले पारंपरिक गीत गायऽ के गोबर से अंगना लिपायो रघुनंदन हरि …… तोर धनवा मोर धनवा एके में मिलायो रे …

दरवाजे पर बारात आने के समय के गीत आपन खोरिया बहारऽ ऐ फलां बाबा, आवास बाडे दुल्हा दामाद …. गुरहथी के समय के गीत हाथी लायो, घोडा लायो गदहों ना लायो रे …… के साथ ही बेटी की विदाई के दौरान के गीतों के साथ पारंपरिक गारी गायन की भी प्रस्तुति कलाकारों ने की. इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद आम महिलाओं ने भी कलाकारों का भरपूर साथ दिया जबकि अन्य लोग गीतों पर झूमते थिरकते नजर आये.

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