आरा. गर्मी के कारण हालात ऐसे हैं कि खेतों में लंबे चौड़े दरार फट गये हैं. ऐसे में कृषि कार्य करना काफी कठिन होगा. अभी तक वर्षा भी नहीं हुई है. वहीं, नहरों में भी पानी नहीं आया है. किसान निराशा एवं आशा के दोराहे पर खड़ा कृषि कार्य के लिए छटपटा रहे हैं. खेतों के दरार से पता चल रहा है कि कृषि कार्य का भविष्य क्या होगा.
नहर में पानी नहीं आने से हो रही परेशानी :
आरा डेहरी ऑन सोन मुख्य नहर के साथ अन्य सहयोगी नहरों में भी अभी तक पानी नहीं आने से किसानों को काफी परेशानी हो रही है. जिले के दक्षिणी इलाके में कृषि कार्य मुख्य रूप से नहर के पानी पर ही निर्भर रहता है, पर समय बीतने के बाद भी नहर में पानी नहीं आ पाया है. जबकि पहले 15 जून के बाद निश्चित तौर पर नहर में पानी दे दिया जाता था. कब तक नहर में पानी आयेगा, किसानों को समझ में नहीं आ रहा है. ऐसे हालात में धान के बिचड़े कैसे लगा पाएंगे यह कठिन काम हो गया है.अभी तक वर्षा के लिए टकटकी लगाये हैं किसान :
जिले में एक दो प्रखंडों में हल्की वर्षा को छोड़ दिया जाये, तो पूरे जिले में अभी तक उस स्तर की वर्षा नहीं हुई है, जिससे कृषि कार्य को आगे बढ़ाया जा सके. धान का बिचड़ा लगाया जा सके. वर्षा नहीं होने से किसानों में मायूसी का माहौल है. आद्रा नक्षत्र को तीन दिन बीत चुका है. जिले के अधिकांश किसान इसी नक्षत्र में धान का बिचड़ा लगाते हैं. आद्रा नक्षत्र में महज 10 से 12 दिन ही शेष रह गये हैं. ऐसे में यदि धान का बिचड़ा नहीं लगता है तो कृषि उत्पादन पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. किसने की हालत काफी दयनीय हो जायेगी.10891 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाने का विभाग ने रखा है लक्ष्य :
जिले में कृषि विभाग द्वारा 10891 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा लगाने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि किसान पर्याप्त क्षमता के अनुसार बिचड़ा लगा सके एवं उनके उत्पादन बढ़ सके, पर अभी तक विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 जून तक महज 12.72 % ही बिचड़ा लगाये गये हैं. ऐसे में कृषि उत्पादन पर काफी विपरीत असर पड़ेगा. वहीं, 1089100 हेक्टेयर में धान का फसल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बता दें कि अबतक किसी भी नहर में पानी नहीं मिला है, जिससे इस वर्ष काफी परेशानी हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है