लू से आठ लोगों की मौत के बाद सदर अस्पताल में रातभर चला शवों के पोस्टमार्टम का दौर
डीएम ने कहा, एंबुलेंस, दवा सहित सभी सुविधाओं के लिए अलर्ट मोड में रहें चिकित्सक
आरा. हीट वेव के कारण गुरुवार को जिले में प्रशासनिक तौर पर आठ लोगों की मौत हो गयी, जबकि जानकाराें की मानें तो जिले के विभिन्न हिस्सों में 17 लोगों की जान लू की चपेट में आने से गयी है. इस दौरान अचानक से सदर अस्पताल में लू के मरीजों की संख्या बढ़ने और एक-एक कर शाम तक आठ लोगों की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन की हालत खराब होने लगी. पूरे अस्पताल परिसर में मृतकों के परिजनों के चीत्कार और डॉक्टरों की अफरातफरी से माहौल अस्तव्यस्त रहा. एक साथ आठ लोगों की मौत के बाद शवों के पोस्टमार्टम करने गुरुवार की पूरी रात गुजर गयी. परिजन शवों को लेकर अपने घरों पर जैसे ही पहुंचे उनके जाननेवालों में मातम और मौसम की बेरुखी के कारण डर माहौल पैदा हो गया है. बता दें कि एक शव का पोस्टमार्टम पटना में किया गया. जबकि कई लोग अस्पताल में बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव को लेकर चले गये. इसे लेकर लोगों में आक्रोश का माहौल है. आनन-फानन में मंगाया गया था बर्फ का सिल्ली : लू की चपेट में आने से बीमार होनेवाले 17 मरीजों के पहुंचने पर अस्पताल में उनके इलाज की उचित व्यवस्था नहीं थी. मरीजों के पहुंचने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में बाहर से बर्फ मंगाया और मरीजों के शरीर को ठंडा करने के लिए उनके परिजनों को शरीर में रगड़ने को कहा. सुविधा के लिए एसी का होना है जरूरी : लू से प्रभावित मरीज के शरीर को दवा के अलावे ऐसी आदि से ठंडा करना जरूरी होता है. जबकि अस्पताल में बना आइसीयू महज छह बेड का है और ताला भी कभी कभार ही खुलता है. इसके अलावा सदर अस्पताल के अन्य किसी भी वार्ड में एसी की व्यवस्था नहीं है. परिजनों की चीत्कार से अस्पताल परिसर था गमगीन : मरनेवालों के परिजन काफी बिलख रहे थे. उनके चीत्कार से आसपास के लोगों में भी मायूसी छाई हुई थी. एक साथ इतने लोगों के पोस्टमार्टम होने से हृदय विदारक दृश्य उपस्थित हो रहा था. परिजनों की चीख सुनकर आसपास के लोगों की आंखों से भी आंसू निकल रहे थे. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा विशेष व्यवस्था नहीं की गयी थी. ना तो पर्याप्त दवाई थी और ना ही अस्पताल में चिकित्सक उपस्थित थे. हालांकि गुरुवार की घटना से सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन शुक्रवार को अपनी सुविधाओं में इजाफा किया और अचानक से आयी इस आपदा से निबटने के लिए कई तरह के उपाय किये. वहीं, जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने जिले के सभी अस्पतालों के चिकित्सकों को सख्त निर्देश दिया है कि सभी चिकित्सक अलर्ट मोड में रहें. इसके साथ ही अस्पतालों में एंबुलेंस, दवाएं सहित सभी चिकित्सीय उपकरणों को दुरूस्त रखें.
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