कायमनगर-जीरो माइल फोरलेन का निर्माण समय सीमा बीतने के बाद भी नहीं हुआ पूरा
काम कराने के लिए 15 मई 2022 को स्वीकृत हुई थी 98.35 करोड़ की राशि
आरा. कायमनगर जीरोमाइल फोरलेन का काम निर्माण पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी एक चौथाई काम पूरा नहीं हो पाया है. योजना पूरा करने के निर्धारित समय से दो माह अधिक हो गये हैं. ऐसे में लोगों को सुविधा देने की योजना आधार में लटक कर रह गयी है. कब तक लोगों को सुविधा मिलेगी, यह अहम प्रश्न बन कर रह गया है. प्रशासन एवं संबंधित विभागीय की लापरवाही के कारण यह कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है. जबकि 15 मई, 2022 को निर्माण के लिए राशि की स्वीकृति दी गयी थी. एक तरफ राशि की स्वीकृति के बाद एक वर्ष के बाद कार्य की शुरुआत की गयी. दूसरी तरफ शुरुआत के बाद भी कार्य की धीमी प्रगति से कार्य पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. वन विभाग से एनओसी लेने में एक वर्ष बीत गये.
अतिक्रमणकारी प्रशासन पर पड़ रहे भारी :
कायमनगर से जीरोमाइल तक बनाया जा रहा फोरलेन अतिक्रमण के जद में है. इससे निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है. आरा शहर के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी फोरलेन योजना पर गतिरोध के कारण इसका कार्य सही ढंग से नहीं बढ़ पा रहा है. प्रशासन द्वारा इस पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है. अतिक्रमणकारी प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं. कायमनगर से जीरो माइल तक बनायी जानी है फोरलेन सड़क : कोईलवर प्रखंड के कायमनगर से जीरो माइल तक फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाना है. धरहरा पुल से पुरवारी गुमटी तक निर्माण कार्य में काफी बाधा आ रही है. अंचलाधिकारी सदर आरा द्वारा एक वर्ष पहले नोटिस दे दिया गया था, पर नोटिस का समय बीतने के काफी समय बाद भी अतिक्रमणकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है. कई ऐसे लोग भी शामिल हैं, जिनका अपना रसूख है. प्रशासन उन पर हाथ डालने में कठिनाई महसूस कर रहा है. प्रशासन की लापरवाही से योजना पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. कई लोग इसे लेकर न्यायालय चले गये थे, पर वहां से भी फैसला होने के बाद अभी तक किसी तरह की गतिविधि नजर नहीं आ रही है. अधिकारी भी इन अतिक्रमणकारियों पर जब कार्रवाई की बात आती है, तो वे आंख बंद कर समय बीत जाने का इंतजार कर अपनी ड्यूटी से मुंह मोड़ ले रहे हैं. 21 मीटर चौड़ी बननी है सड़क : फोरलेन सड़क की चौड़ाई 21 मीटर बनायी जानी है. जबकि जगह-जगह पर अतिक्रमण के कारण 21 मीटर की चौड़ाई नहीं हो पा रही है. ऐसे में फोरलेन सड़क का महत्व क्या रह जायेगा. इसे आसानी से समझा जा सकता है. वर्तमान में सड़क की चौड़ाई महज सात मीटर है.कई जगह कम कर दी गयी है चौड़ाई :
कई जगह दबंग लोगों के कारण सड़क की चौड़ाई कम कर दी गयी है. ऐसे में विकास का अर्थ क्या रह जायेगा. फोरलेन सड़क का लाभ कैसे लोगों को मिल पायेगा. जब चौड़ाई ही कम हो जायेगी, तो फिर जाम की स्थिति से एक बार फिर शहरवासियों को रूबरू होना पड़ेगा.कुल लंबाई है लगभग 8.5 किलोमीटर: फोरलेन सड़क की कुल लंबाई लगभग 8.5 किलोमीटर है. हालांकि धरहरा पुल से पटेल बस पड़ाव की लंबाई लगभग तीन किलोमीटर है. एक वर्ष में पूरा करना था काम : सड़क के निर्माण के लिए एक वर्ष का समय निर्धारित किया गया था. जबकि लगभग डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक धरातल पर कार्य नहीं के बराबर दिखाई दे रहा है. प्रशासन सिंचाई विभाग एवं पत्र निर्माण विभाग अपनी धुन में सुस्त पड़े हैं.
पानी निकासी के लिए बनाये जाने हैं चार अतिरिक्त बड़े नाले :
फोरलेन सड़क बनाने के लिए पहले से 9 बड़े- बड़े नाले लगे हुए हैं. इसके अलावा आम लोगों की समस्याओं को देखते हुए चार अतिरिक्त बड़े-बड़े नाले लगाने का प्रस्ताव है. इससे पानी निकासी की सुविधा बढ़ जायेगी. ये सभी नाले धरहरा से धोबीघटवा तक लगेंगे. 15 मई 2022 को स्वीकृत की गयी थी 98.35 करोड़ की राशि : 98.35 करोड़ से बनायी जा रही है फोरलेन सड़क फोरलेन सड़क 98.35 करोड़ रुपये की लागत से बनायी जा रही है. राशि की स्वीकृति 15 मई 2022 को दी गयी थी.सड़क की जमीन पर इनका है अवैध कब्जा :
धरहरा पुल से लेकर सरदार पटेल बस पड़ाव तक अतिक्रमण करनेवाले मुख्य लोगों में रानी सती इंटरप्राइजेज, केके अस्पताल, शिवम ऑटोमोबाइल, बाल सुधार गृह, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अहिरपुरवा, श्रीराम इंटरप्राइजेज मार्बल एंड टाइल्स, केजीएन टायर दुकान, रोशन इलेक्ट्रॉनिक, राजू टायर दुकान, मुकेश साड़ी सेंटर, नेशनल ऑटो स्पेयर्स, भोजपुर बाइक रिपेयर सेंटर, गायत्री कॉम्प्लेक्स , टीएसआइडब्ल्यू कॉलेज, मां तारा ट्रांसपोर्ट, हनुमान मंदिर, राम नेह यादव, शशि भूषण सिंह समेत कई लोग शामिल हैं. वहीं, गोढ़ना रोड से धोबीघटवा होते जीरो माइल मोड़ तक यादव कॉम्प्लेक्स, राहुल हार्डवेयर, भरत उत्सव पैलेस, मां इंटरप्राइजेज, टीवीएस ऑटोमोबाइल, रोहित स्टार फर्नीचर हाउस, देव जी बास दुकान, लालती विद्या भवन, सिद्धनाथ सिंह, दारा ठाकुर समेत 100 लोग शामिल हैं.पथ निर्माण विभाग के एसडीओ बोले
कार्य में अतिक्रमण बाधक बन रहा है. इसके लिए प्रशासन का सहयोग जरूरी है. अंचलाधिकारी, आरा सदर का सहयोग सही से नहीं मिल रहा. इस कारण निर्माण कार्य अटका पड़ा है. मटेरियल पूरी तरह स्टॉक है. यदि अतिक्रमण हट जाये, तो तीन माह में काम पूरा कर देंगे. राशि स्वीकृति के बाद वन विभाग का एनओसी सहित अन्य कई कार्य के कारण काम देर से लगाया गया.
राहुल कुमार, एसडीओ, पथ निर्माण विभाग , आराडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है