करोड़ों रुपये की लागत से बने सरकारी आवास खंडहर में तब्दील

जंगली पौधे के लत्तर से लदफ़दी है प्रखंड के कई सरकारी आवास

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 10:18 PM

चरपोखरी.

प्रखंड कार्यालय परिसर में करोड़ों रुपये की लागत से बने दर्जनों सरकारी आवास में लगभग आधा से अधिक खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. कुछ आवास जो बचे हैं, उनके दीवार में भी दरार पड़ गयी है और छत से हमेशा सीमेंट गिरते रहता है, जिसके कारण प्रखंड में कार्यरत कर्मी जिला मुख्यालय से या प्रखंड परिसर से दूर किराये के मकान में रह कर रोज आना-जाना करते हैं. ऐसे में जिला मुख्यालय से आने-जानेवाले प्रखंड कर्मियों को जाम जैसी समस्याएं झेलनी पड़ती है. ट्रैफिक जाम के वजह से कभी कभार कर्मी कार्य अवधि के आधे समय बाद पहुंचते हैं, जिसके कारण कार्य भी प्रभावित होता है. परिसर में बने आवास की स्थिति ऐसी है कि खिड़की व दरवाजा तो दूर दीवार व छत भी टूट गयी है. बता दें कि सन, 1964 में प्रखंड स्थापना के समय कार्यालय के साथ-साथ कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए आवासीय भवन भी बनाये गये थे, ताकि अधिकारी व कर्मचारी भी आवास में रह कर जनता का काम सुचारू रूप से करें. आरंभ समय ऐसा ही होता भी था. उस वक्त प्रखंड परिसर सुबह शाम गुलजार रहता था. 2016 में कार्यरत बीडीओ संजीव कुमार सरकारी आवास की जर्जर स्थिति देख अपने आवास में ना रह कर जिला मुख्यालय से रोजाना आना जाना करते थे. वहीं इसके बाद 2020 के तत्कालीन बीडीओ संदीप कुमार पांडेय द्वारा आवास का मरम्मत कराने के बाद अपने ही आवास में रहना आरंभ किया, जिसके बाद वर्तमान बीडीओ भी इसी आवास में रह कर कार्यों का निष्पादन करती हैं. वहीं अंचलाधिकारी का अपना आवास नहीं होने के कारण प्रखंड कैंपस के किसी दूसरे आवास में रह कर ड्यूटी करते हैं. अधिकारियों के प्रखंड कार्यालय आवास में रहने से लोगों को के मन में यह विश्वास रहता है कि प्रखंड़ के अधिकारियों से कभी भी अपनी समस्या को लेकर मिला जा सकता है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पा रहा है.

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