आधी आबादी ने खेती-बाड़ी में लिखी नयी गाथा, चार वर्षों में पांच करोड़ का टर्नओवर
जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 94,639 जीविका दीदी कर रहीं खेती
आरा. जिले में आधी आबादी खेती-बाड़ी के क्षेत्र में नित नयी गाथा लिख रही हैं. इनकी खेती-बाड़ी के क्षेत्र में भागीदारी जीविका संस्थान रूपी मंच के माध्यम से दिनोंदिन बढ़ते ही जा रही है. यही कारण है कि कृषि प्रधान भोजपुर जिले में कृषि योग्य 1,86,519 हेक्टेयर भूमि में जिले के किसान खेती करते हैं, जिसमें जिले के जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 94,639 जीविका दीदी किसानों द्वारा खेती की जा रही है.
खुद की बनायी है कंपनी, जो कर रही बाजार उपलब्ध :
इन जीविका किसानों को समय पर खाद एवं बीज उपलब्ध कराने के साथ-साथ उत्पादित फसल को बाजार उपलब्ध कराने को लेकर जीविका ने एक कंपनी खोली है, जिसका नाम समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी लिमिटेड रखा गया है. इस कंपनी के माध्यम से जीविका दीदी किसानों को खेती-बाड़ी के लिए क्रियाशील पूंजी उपलब्ध कराने का पूरा खर्च समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी वहन करती है, जिससे इन मजदूर एवं गरीब किसानों को खेती के लिए खाद एवं बीज समय पर खरीद करने के लिए क्रियाशील पूंजी अब साहूकारों के बजाय कंपनी द्वारा उपलब्ध करायी जाती है. इससे इन्हें जहां अपने उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य आसानी से उपलब्ध हो जाता है. वहीं, साहूकारों के चंगुल में फंसने से भी मुक्ति मिल रही है. जीविका समूह के किसानों को कृषि उत्पादों, खाद एवं बीज का भंडारण, विपणन तथा उचित मूल्य उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जीविका संस्था के समुचित प्रयास से जिले में समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी लिमिटेड का गठन किया गया है.24 जून, 2019 में खोली थी समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी : विदित हो कि समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी लिमिटेड का गठन 24 जून 2019 को किया गया था. इसके प्रारंभ में जिले के सिर्फ सात जीविका दीदी ने इस कंपनी को चलाने के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर का गठन किया था, जो आज इससे जिले के 414 जीविका दीदी किसान जुड़कर एक बहुत बड़ा प्लेटफाॅर्म तैयार किया है. इस कंपनी को विधिवत संचालित करने के लिए एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है. इसके अलावा इस कंपनी में एक लेखापाल और एक मार्केटिंग विशेषज्ञ तथा एक पर्यवेक्षक कार्यरत है.
कंपनी के पास अधिकृत पूंजी 10 लाख रुपये की है :
उल्लेखनीय है कि समहुत जीविका कृषि उत्पादक कंपनी के पास अधिकृत पूंजी 10 लाख रुपये हो गयी है. जबकि 414 शेयरधारकों से प्राप्त प्रदत्त पूंजी 3,08,000 रुपये की हो गयी है. कंपनी द्वारा शेयरधारकों से उर्वरक, बीज की खरीद-बिक्री की जाती है. गौरतलब है कि कंपनी, कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत है. इस कंपनी को फर्टिलाइजर एवं बीज लाइसेंस भी प्राप्त है. वहीं, इस कंपनी को जीएसटी का भी लाइसेंस प्राप्त है. वर्तमान में कंपनी की कुल निधि 17,30,573 रुपये का है. कंपनी द्वारा पिछले चार वर्षों के दौरान चार करोड़ 84 लाख रुपये का टर्नओवर का व्यवसाय किया गया है. तरारी प्रखंड के बजरंग बली जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी पुष्पा देवी कंपनी की शेयरधारक वर्तमान में कंपनी की डायरेक्टर भी हैं. इन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 90 टन धान, 108 क्विंटल गेहूं और 100 लीटर मेंथा तेल की बिक्री कंपनी को की है. उन्होंने कहा कि कंपनी को बेचने पर सबसे बड़ा लाभ यह है कि उचित वजन और समय पर पैसा मिल जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है