मोबाइल और गैस कंपनी ने शहर में सड़क किनारे खोद दिये हैं गड्ढे, रोज हो रहे हादसे

जज कोठी मोड़ के पास सबसे ज्यादा है खराब स्थिति, विभाग अनजान

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 10:02 PM

आरा.

नगर में मोबाइल व गैस कंपनीवाले सड़क के किनारे गड्ढे खोदकर अपना पाइप व तार डालने का कार्य कर रहे हैं. इन गड्ढों के माध्यम से एक दूरी से दूसरे दूरी तक पाइप लाइन या वायर को जोड़ने का काम किया जाता है, लेकिन इसमें समस्या यह है कि इन गड्ढों के आसपास न बैरिकेडिंग की गयी है, न ही जिन गड्ढों से काम को पूरा कर लिया गया है उन्हें भरा ही गया है. इससे हर दिन लोग इनमें गिर कर जख्मी हो रहे हैं. कई ऑटोचालक अपने वाहन को लेकर सीधे इन गड्ढों में जाकर गिर जा रहे हैं. यही नहीं अबतक दर्जनों वार पैदल, साइकिल, बाइक सवार और कार चालक अपने वाहन लेकर फंस चुके हैं, लेकिन इन गड्ढों को बंद करने के लिए कोई भी जिम्मेदार विभाग या अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है.

जज कोठी के पास बने गड्ढे से स्थिति काफी दयनीय :

जिला जज कोठी मोड़ के पास स्थिति ऐसी है कि गुरुवार को एक दर्जन से अधिक ऑटो गड्ढे में थोड़ी-थोड़ी देर पर गिरे, जिससे उनमें सवार महिला एवं पुरुष यात्री जख्मी हो गये. हालांकि ज्यादा चोट नहीं आने के कारण वे पास की क्लिनिक में इलाज कराकर व दवा लेकर अपने गंतव्य की ओर चले गये. इसमें उनकी मदद आसपास के दुकानवालों ने की. जबकि ट्रैफिक पुलिस भी वहां ड्यूटी में थी, लेकिन उनके द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है. लोगों के आग्रह पर ट्रैफिक पुलिस वालों द्वारा ट्रैफिक कार्य के लिए उपयोग में लिए जाने वाले ड्रम को गड्ढे में रखा गया, ताकि लोग उसे देख सकें एवं इससे दुर्घटनाग्रस्त नहीं हो सके. वहीं, शुक्रवार और शनिवार को भी लगभग आधा दर्जन ऑटो एवं बाइक गड्ढे में गिर पड़े, जिससे कई यात्री जख्मी हुए.

बारिश में पानी भर जाने के कारण और भी हो रही घटना :

गड्ढे की स्थिति इस तरह है कि बारिश के कारण पानी भर जाने से बाइक चालकों एवं ऑटो चालकों को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है. सामान्य सा पानी समझकर चालक आगे बढ़ रहे हैं और गड्ढे में जाकर गिर जा रहे हैं.

नहीं की जा रही ढलाई :

नियमानुसार कंपनी के ठेकेदारों को अपना कार्य करने के बाद गड्ढों को मिट्टी से भरकर पूरी तरह उनकी ढलाई करनी है, ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो, पर ऐसा किया नहीं जा रहा है. वहीं संबंधित अधिकारियों द्वारा इस पर किसी तरह की कार्रवाई भी नहीं की जा रही है. ऐसी स्थिति के कारण ठेकेदार की चांदी हो रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version