कार्यों की प्रगति में जिले के अंचल प्रदेश स्तर पर पिछड़े
330वें रैंक पर उदवंतनगर अंचल और 521वें रैंक पर पहुंचा कोईलवर अंचल
आरा. जिले में राजस्व संबंधी कार्यों की प्रगति अच्छी नहीं है. दाखिल खारिज, परिमार्जन, मापी, अतिक्रमण वाद निष्पादन सहित विभिन्न राजस्व विभाग के कार्यों के निष्पादन के आधार पर सरकार द्वारा निर्धारित रैंकिंग में जिले के अंचल फिसड्डी साबित हुए हैं. जिले के 14 अंचलों में से किसी अंचल का 100 के अंदर रैंकिंग नहीं है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर समाहर्ता ने चार अंचलों के अंचलाधिकारियों के खिलाफ प्रपत्र ””””क”””” गठित करने का आदेश दिया है. उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग ने राजस्व संबंधी कार्यों के निष्पादन के बेहतर प्रगति के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण किया है जिसमें राजस्व संबंधी विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग वेटेज अंक निर्धारित किया गया है, जिसमें दाखिल खारिज वाद निष्पादन को लेकर आंचल को 50% वेटेज अंक दिया गया है. वहीं, परिमार्जन को लेकर 10% वेटेज अंक दिया गया है. मापी को लेकर 5% और एलपीसी को लेकर 5% सहित 100% वेटेज अंक के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण किया गया है. विदित हो कि प्रदेश के इस रैंकिंग में जिले के अंचलों का रैंक इस प्रकार है, उदवंतनगर अंचल 330 रैंक, कोईलवर अंचल 521 रैंक, बड़हरा अंचल 472 रैंक, गड़हनी अंचल 483 रैंक, पीरो अंचल 465 रैंक, अगिआंव अंचल 458 रैंक, सहार अंचल 453 रैंक, चरपोखरी अंचल 412 रैंक, बिहिया अंचल 424 रैंक, जगदीशपुर अंचल 426 रैंक, आरा अंचल 428 रैंक, संदेश अंचल 439 रैंक तथा तरारी अंचल को 446 रैंक से संतोष करना पड़ा है. गौरतलब है कि सरकार द्वारा अंचलों के जारी रैंकिंग के बाद जिलाधिकारी और अपर समाहर्ता ने सभी अंचलों के अंचलाधिकारियों के साथ एक बैठक कर राजस्व कार्य की समीक्षा की, जिसमें अपर समाहर्ता ने राजस्व कार्यों में रुचि नहीं लेने और कार्य के प्रति लापरवाही बरतने को लेकर जिले के सहार अंचल के अंचलाधिकारी, बड़हरा अंचल के अंचलाधिकारी, अगिआंव अंचल के अंचलाधिकारी तथा आरा सदर के राजस्व पदाधिकारी के खिलाफ प्रपत्र क गठित किया जायेगा.
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