कोर्ट फीस की फोटो कॉपी कराकर बनवाया जा रहा शपथ पत्र, राजस्व का लग रहा चूना

हर दिन वंशावली के लिए पांच हजार के करीब बन रहा शपथ पत्र, प्रशासन का ध्यान नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | September 13, 2024 10:07 PM

आरा.

जिले में शपथ पत्र सहित अन्य विधिक कार्यों में जहां कोर्ट फीस की आवश्यकता होती है. उसमें काफी गड़बड़ी की जा रही है. इससे सरकार को प्रतिदिन हजारों रुपये के राजस्व का चूना लग रहा है. इसके बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे ऐसे लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ है. कई तरह के विधिक कार्यों में होता है इसका उपयोग : सरकार द्वारा सिविल कोर्ट में लगायी गयी फ्रैंकिंग मशीन से 5, 10, 25 व 100 रुपये का टिकट दिया जा रहा है. इसका रंग उजला है एवं प्रिंट हल्का काला है. एक शपथ पत्र में 100 रुपये का टिकट लगाना होता है. वहीं, अन्य कई तरह के विधायी एवं इसटन्यायिक कार्यों में इस टिकट का उपयोग किया है. प्रतिदिन बनाये जाते हैं 5000 से अधिक शपथ पत्र : जिले में प्रतिदिन 5000 से अधिक शपथ पत्र बनाये जाते हैं. इसमें कार्यपालक दंडाधिकारी द्वारा निर्गत शपथ पत्र एवं नोटरी पदाधिकारी द्वारा निर्गत शपथ पत्र शामिल है. मुकदमा के लिए भी इसका किया जाता है उपयोग : किसी भी तरह के न्यायालय में किसी व्यक्ति द्वारा केस किये जाने पर उसमें इस टिकट का उपयोग किया जाता है. इतना ही नहीं जमीन से संबंधित सिविल मुकदमों में कोर्ट फीस के रूप में इस टिकट का उपयोग किया जाता है. जमीन के अनुसार कोर्ट फीस की सीमा तय की जाती है. इस तरह हजारों हजार का टिकट उपयोग किया जाता है. फोटो कॉपी करा कर लगाया जा रहा चुना : फ्रैंकिंग मशीन द्वारा दिये जा रहे टिकट की स्थिति ऐसी है कि जो टिकट दिया जा रहा है, लोग उसका कलर फोटो कॉपी कर ले रहे हैं. ऐसे में उसे टिकट की वास्तविकता को समझना मुश्किल हो जाता है. इस कारण लोग इसका काफी संख्या में फोटो कॉपी करा कर उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये का चूना लग रहा है. दलालों द्वारा भी फोटो कॉपी कराकर की जा रही है बिक्री : कई दलाल ऐसे हैं ,जो फ्रैंकिंग मशीन से एक बार टिकट ले लेते हैं. फिर उसका फोटो कॉपी करा कर उसकी बिक्री कर रहे हैं. अभी 100 रुपये की जगह 110 से 115 रुपये ले रहे हैं. कई भोले भाले लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं एवं दलालों द्वारा ठगे जा रहे हैं. जांच होने पर होगा खुलासा : यदि इसकी गहरायी से जांच की जाये, तो इसका खुलासा हो सकता है. सीरियल नंबर एवं क्यूआर बारकोड से इसकी सच्चाई सामने आ सकती है, पर इसके लिए ना तो प्रशासन के पास समय है और ना ही बार एसोसिएशन के पास. इसका लाभ उठाकर लोग सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं. सर्वे को लेकर वंशावली का शपथ पत्र बनाने की लगी है होड़ : विगत 20 दिनों से सर्वे कार्य के लिए जमीन अपने नाम पर करने को लेकर वंशावली का शपथ पत्र बनाने की होड़ लगी है प्रतिदिन वंशावली के सैकड़ों शपथ पत्र बनवाए जा रहे हैं. इसमें इन टिकटों का उपयोग किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version