Loading election data...

बकाये वेतन को लेकर सरकारी एंबुलेंस चालकों का छह दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी

आरा सदर अस्पताल परिसर में बकाये वेतन की मांग को लेकर जिले के 102 नंबर सरकारी एंबुलेंस के सभी चालकों द्वारा पूरे जिले में छह दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 26, 2024 11:04 PM

आरा

. आरा सदर अस्पताल परिसर में बकाये वेतन की मांग को लेकर जिले के 102 नंबर सरकारी एंबुलेंस के सभी चालकों द्वारा पूरे जिले में छह दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी हैं. उनके द्वारा चार दिनों तक सदर अस्पताल परिसर के एएनएम हॉस्टल के पास एवं शुक्रवार से सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में हड़ताल पर बैठे हुए हैं. हड़ताल के दौरान एंबुलेंस चालकों द्वारा सिविल सर्जन, डैम एवं डीपीएम सहित जिला अधिकारी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गयी. जिले भर में चालकों द्वारा सरकारी एंबुलेंस के हड़ताल पर चले जाने से जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी,उप स्वास्थ्य केंद्र सहित आरा सदर अस्पताल में भी मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. प्राथमिक उपचार के बाद जब डॉक्टर द्वारा मरीजों को रेफर किया जा रहा है तो उनके परिजन किधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं इसके अलावा अधिक भुगतान कर कर प्राइवेट एंबुलेंस के सहारे लोग मरीज को लेकर इधर से उधर जा रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद सदर अस्पताल के सिविल सर्जन सहित किसी भी स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी के कानोंं तले जू तक नहीं रेंग रही है. इधर 102 नंबर एंबुलेंस चालक संगठन के जिला सचिव अरविंद कुमार चौबे ने बताया कि उन लोगों का वर्ष 2023 के में मई महीने एवं वर्ष 2024 में जुलाई से अक्टूबर तक यानी कुल मिलाकर पांच महीने का वेतन बकाया है. बिहार के 38 जिले है और 37 जिलों में सभी महिनों का वेतन भुगतान कर दिया गया है. लेकिन सिर्फ भोजपुर जिला में वेतन का भुगतान नही किया गया है और बकाया है. इसे लेकर हम लोग सभी चालकों के साथ लगभग बीस बार सिविल सर्जन, डीपीएम एवं डैम से मिले चुके है. लेकिन हम लोगों का कोई निदान नहीं हुआ. उनके द्वारा कहा गया कि आप लोगो का वेतन ऑडिटर काट कर गया है तो हम लोग क्या कर सकते हैं. जब हम लोग पीडीएल कंपनी के पास गए तो उसके द्वारा कहा गया कि आप लोगों को डीएचएस कार्यालय से ही बकाया वेतन दिया जायेगा. दोनों लोग अपने मिली भगत से हम लोगों का वेतन नहीं दे रहे हैं और कमीशन के चक्कर में हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों का पांचों माह का वेतन नहीं मिलेगा. तब तक हम लोग हड़ताल नहीं तोडेंगे और इसी तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉक्टर शिवेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि ये जो एंबुलेंस चालक है जो एंबुलेंस चलते हैं. पहले कंपनी थी पीडीपीएल थी उनके साथ टेक्नीशियन भी रहते थे. इसके बाद सरकार ने निर्णय लिया कि इसे दूसरी कंपनी को दे दिया जाये. उसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया और उन्हें नई कंपनी के साथ शिफ्ट करना था. जिसका नाम है जेएन प्लस है. उन्होंने बताया कि इन लोगों का दो-तीन महीना का पच्चीस प्रतिशत एवं दो-तीन महीना का पूरा पेमेंट बाकी है। हमारे पास आवंटन उपलब्ध नहीं है व आवंटन आने के बाद वेतन मिल जायेगा. लेकिन यह लोग हमसे वेतन की मांग कर रहे हैं और इन लोगों का हमसे वेतन मांगना राइट नहीं है. इन्हें अपनी कंपनी से मांग करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि फाइल प्रोसेस में है. जैसे ही आवंटन आएगा कंपनी को दे दिया जायेगा. साथी उन्होंने कहा कि इन लोगों को 21 तारीख को दूसरे कंपनी को एंबुलेंस देना था जो इन्होंने नहीं दिया है. यह इन लोगों का मानवीय व्यवहार है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version