शहर के व्यस्त इलाकों में चल रहे खटाल

नियम विरुद्ध संचालन से शहर में जाम लगने के साथ ही दुर्गंध से लोग हो रहे परेशान

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 10:28 PM

आरा.

शहर के सघन आबादीवाले मुहल्लों में धड़ल्ले से खटालों का संचालन किया जा रहा है. इससे गोबर और गंदगी से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है, लेकिन स्थानीय लोग डर के कारण विरोध नहीं कर पा रहे हैं. वहीं सरकार का भी निर्देश है कि भीड़भाड़ वाले इलाके में खटाल का संचालन नहीं करना है. इसके बावजूद खटाल संचालन करनेवाले स्थानीय प्रशासन की सुस्ती के कारण बिना डर के दर्जनों की संख्या में मवेशियों को सड़क किनारे बांध कर खटाल चला रहे हैं, जिससे सड़क पर जाम से लेकर मवेशियों के गोबर से हादसे का भी डर बना रह रहा है. नालियां होती हैं जाम एवं खराब : खटालों से होनेवाली क्षति की बात करें, तो इससे आरा नगर की नालियां काफी जाम हो तक जाती हैं. जहां खटालों का संचालन होता है, वहां खटाल संचालक गोबर को नालियों में डाल देते हैं. गोबर की स्थिति ऐसी होती है कि वह नालियों में बह नहीं पाता है. इससे नालियां जाम हो जाती हैं. वहीं मवेशियों के कारण नालियां खराब भी हो जाती हैं व टूट फूट भी जा रही हैं. इतना ही नहीं गोबर के सड़ने से दुर्गंध भी निकलता है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो जाती है, पर खटाल संचालकों के दबदबा के कारण कोई बोल नहीं पता है. पशुओं को छोड़ देते हैं सड़कों के किनारे, यातायात में होती है परेशानी: खटाल संचालक दुधारू मवेशियों से दूध तो निकालते हैं, लाभ भी कमाते हैं. इससे अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, पर जिन मवेशियों के दूध से परिवार का पालन पोषण करते हैं, उनके प्रति इनका व्यवहार ऐसा होता है कि दूध निकालने के बाद अपने घर में चारा खिलाने की जगह सड़कों के किनारे छोड़ देते हैं. शहर के हर सड़क पर तथा सड़कों के किनारे सैकड़ों की संख्या में मवेशी आवारा बनकर घूमते रहते हैं. इससे यातायात में काफी परेशानी होती है. कई बार बाइक एवं वाहन चालकों को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद ना तो प्रशासन को इसकी चिंता है और ना ही खटाल संचालकों पर इसका कोई असर पड़ता है. सैकड़ों की संख्या में संचालित किये जा रहे हैं खटाल : शहर में गली-मुहल्लों की बात कौन करे. कई जगह मुख्य सड़कों किनारे भी खटालों का संचालन किया जा रहा है. पूरे शहर में लगभग 500 से अधिक खटालों का संचालन किया जा रहा है. यदि एक खटाल में औसत आठ से 10 मवेशियों की बात की जाये, तो कुल लगभग 5000 मवेशी खटालों में रखे गये हैं. इतना ही नहीं ओवरब्रिज के नीचे भी खटाल धड़ल्ले से चलाये जा रहे हैं. रेलवे पश्चिम ओवरब्रिज को जोड़ने वाले पहुंच पथ के नीचे एक दर्जन से अधिक खटाल चलाये जा रहे हैं. इससे ओवरब्रिज पर खतरा मड़रा रहा है. इसके बाद भी प्रशासन व नगर निगम द्वारा कार्रवाई नदारद है.शहर के इन व्यस्त मुहल्लों में भी संचालित किये जाते हैं खटाल : शहर के व्यस्त मुहल्लों में भी खटालों का संचालन किया जा रहा है. इनमें करमन टोला, शिवगंज, शीतल टोला, रामनगर, पकड़ी, गोला मुहल्ला, मौलाबाग, महादेव, कतीरा, महाराजा हाता , गोढ़ना रोड, अनाइठ, रामगढ़िया, अहिरपुरवा सहित अन्य कई मुहल्ले शामिल हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version