शाहपुर.
गंगानदी के जल स्तर में मामूली गिरावट के बावजूद बाढ़ प्रभावित हजारों परिवारों की मुसीबतें आज भी जस की तस बनी हुई है. हजारों परिवार अपने पूरे कुनबे के साथ कई स्थानों पर शरणार्थियों की जिंदगी बसर कर रहा है. उनकी समस्याएं आज भी यथावत है. तटबंध पर अपने मवेशियों के साथ शरण लिए हुए सैकड़ों लोगों ने अपने विपत्तियों को बयान करते हुए कहा कि हमेशा यहां विषैले जीव जंतुओं के काटने का खतरा बना हुआ है. छोटे-छोटे बच्चे अब एक ही स्थान पर रहकर बोर हो चुके हैं, जो अपने माता पिता से अपने घरों को लौटने की जिद्द भी करने लगे. बेचारो को क्या पता कि बाढ़ के असल मायने को तो आफत ही कहते हैं. सरकारी स्तर से लंगर में खाना खाने के दौरान एक बुजुर्ग ने कहा कि खाली पेट भर जाए से ही जिनगी ना नू चली. बाढ़ के पानी ने तो घरों का सब कुछ बहाकर बर्बाद कर दिया. अब जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए काफी मशक्कत के साथ परिश्रम करनी होगी. इधर लोग बाढ़ के पानी के घेरे में हैं तो वहीं सरकार आंकड़े के फेरे में है. बाढ़ में पूरी तरह से बर्बाद हो चुके लोग अब सरकार की ओर राहत की उम्मीद में टकटकी लगाए हुए हैं.शाहपुर.
शाहपुर प्रखंड परिषद स्थित जनप्रतिनिधि भवन में एसडीएम जगदीशपुर संजीत कुमार ने बाढ़ राहत को लेकर समीक्षात्मक बैठक की गयी. समीक्षात्मक बैठक में पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य तथा प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक के दौरान उपस्थित प्रमुख प्रतिनिधि पुतुल साह व जनप्रतिनिधियों द्वारा सभी पंचायत को बाढ़ ग्रस्त पंचायत घोषित करने की मांग की गयी. साथ ही साथ राहत कैंप में जनरेटर की व्यवस्था करने, मवेशियों के लिए चारा और अधिक मात्रा में उपलब्ध कराने की बात भी एसडीएम से की गयी. जबकि बिजली आपूर्ति बहाल करने एवं प्रभावित इलाकों में सामुदायिक किचेन खोलने की भी मांग की गयी. एसडीएम द्वारा बताया गया कि आवश्यकता के अनुसार पॉलीथिन शीट का वितरण किया जाएगा एवं सामुदायिक किचन भी खोला जायेगा. बिजली विभाग से बात कर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी. एसडीएम ने बताया कि पांच स्थानों पर सामुदायिक किचेन चलाया जा रहा है. जिसमें हजारों की संख्या में बाढ़ प्रभावित लोग भोजन कर रहे हैं. इन कैंपो में सभी तरह की सुविधा उपलब्ध करायी गयी हैं. वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 56 नाव का परिचालन कराया जा रहा है. सात हजार से अधिक पॉलिथीन सीट वितरण किया जा चुका है. वही राहत शिविरों में पानी को शुद्ध करने के लिए हैलोजेन टैबलेट का वितरण कराया जा रहा है. चारा भी जहां मवेशियों है उस स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. जिसमें प्रखंड के सभी पदाधिकारी मॉनीटरिंग करने में लगे हुए हैं और लगातार बढ़ राहत कैंपों का दौरा कर इसका जायजा भी ले रहे हैं. इसके पूर्व एसडीएम द्वारा भरौली पुल के समीप जाकर नाव परिचालन का जायजा लिया गया एवं नाविकों से लॉगबुक मांग कर देखा गया. उन्होंने नाविकों को नाव परिचालन से संबंधित कई तरह के निर्देश दिये गये. बैठक में डीसीएलआर अमरेन्द्र कुमार, बीडीओ शत्रुंजय सिंह, बीपीआरओ राजेश प्रसाद, व आरओ रश्मि सागर, मुखिया मनोज ठाकुर, बलराम यादव, प्रतिनिधि सुभाष चंद्र, अखिल सिंह, राजू ओझा, रिंकू तिवारी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है