उद्घाटन के एक वर्ष के बाद ही मॉडल अस्पताल भवन जर्जर

काफी तामझाम के साथ मरीजोंं को आधुनिक एवं कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर मॉडल सदर अस्पताल का निर्माण कराया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | November 22, 2024 10:42 PM

आरा.

काफी तामझाम के साथ मरीजोंं को आधुनिक एवं कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर मॉडल सदर अस्पताल का निर्माण कराया गया. 21 जुलाई 23 को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने इसका उद्घाटन किया था. इसका निर्माण 45 करोड रुपए की लागत से किया गया है.

छह माह पहले भी मॉडल अस्पताल की दीवारें हुई थी क्रैक :

मरीजों की आशा पर पानी डालनेवाला मॉडल अस्पताल निर्माण के 6 माह बाद ही क्रेक होने लगा था. इसकी दीवारें कई जगह क्रेक हो चुकी थी. अस्पताल प्रबंधन एवं निर्माण कंपनी द्वारा अपनी गड़बड़ी को छुपाने के लिए काफी संख्या में मजदूरों को लगाकर क्रैक में पुट्टी भरकर लाल रंग से पेंट कर दिया. ताकि लोगों को इसकी भनक नहीं लग सके.पर ऐसा नहीं हुआ. इसकी काफी चर्चा जिले में होने लगी.

लगभग एक वर्ष बाद दूसरी बार क्रैक हो गयी दीवारें :

निर्माण की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले का सबसे बड़ा अस्पताल मॉडल सदर अस्पताल लगभग 1 वर्ष बाद दूसरी बार दीवारें क्रेक हो गयी. बाहर से भीतर तक की दीवारें क्रेक हो चुकी हैं. पूरा भवन जर्जर हो चुका है. इसके निर्माण में काफी अनियमित बरती गयी है. मरीजों के जीवन से खिलवाड़ किया गया है. असंवेदनशीलता चरम पर है. यदि मॉडल अस्पताल का भवन ऐसे गुणवत्ता विहीन एवं प्राक्कलन के विपरीत निर्माण के कारण गिरता है तो सैकड़ो मरीज एवं कर्मचारियों का जीवन खतरे में पड़ सकता है. फिर भी इसकी जांच नहीं की जा रही है एवं इस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है.

21 जुलाई 23 को धूमधाम से तब के उपमुख्यमंत्री ने किया था उद्घाटन :

21 जुलाई 2023 को तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने काफी धूमधाम से मॉडल अस्पताल का उद्घाटन किया था तथा कहा था कि इससे मरीज खासकर गरीबों को काफी लाभ मिलेगा. मॉडल अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेगी. इससे जिलावासियों को काफी उम्मीदें जगी थी. पर अस्पताल की ऐसी स्थिति देखकर लोगों एवं मरीज के उम्मीद पर पानी फिर रहा है.

बिना गुणवत्ता के जांच के निर्माण का क्या है अर्थ :

ढ़िढ़ोरा पिटा जाता है कि सभी निर्माण के गुणवत्ता की जांच की जाती है. गुणवत्ता को देखकर ही निर्माण किया जाता है. इसकी जांच के लिए कई स्तरों पर अधिकारियों की टीम कार्य कर रही थी. जिलाधिकारी द्वारा कई बार निरीक्षण किया गया था. इसके बाद भी मॉडल अस्पताल के निर्माण में गुणवत्ता दिखाई नहीं दे रही है. जबकि निर्माण की गुणवत्ता का काफी प्रचार किया गया था.

300 बिस्तरों का बना है मॉडल अस्पताल :

300 बिस्तरों की सुविधा को लेकर मॉडल अस्पताल का निर्माण किया गया है. जबकि अभी तक इसमें पूरी तरह इमरजेंसी वार्ड भी नहीं काम कर रहा है. मेडिकल वार्ड भी नहीं काम कर रहा है तथा सर्जिकल वार्ड भी नहीं काम कर रहे हैं. ऐसे में मरीजों को क्या लाभ हो रहा है. अधिकांश कमरों में ताला लटक रहे हैं एवं अस्पताल में कार्य चल रहा है. इसे सदर अस्पताल प्रशासन एवं जिला प्रशासन ही बता सकता है.

उद्घाटन की क्या थी जल्दीबाजी :

जब अस्पताल नियत समय पर तैयार ही नहीं हो पाया था तो फिर उद्घाटन की जल्दी बाजी क्या थी. क्यों इसका उद्घाटन कराया गया. जिलावासियों में यह चर्चा का विषय है. लोग इसके लिए नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.इन सुविधाओं को किया जाना है उपलब्ध : प्रथम तल पर सर्जिकल वार्ड एवं मेडिकल वार्ड तथा दूसरे तल पर आईसीयू और ओटी को स्थानांतरित किया गया है .पूरी तरह से वातानुकुलित इस भवन में सभी बेडों पर ऑक्सीजन प्लांट से पाइप लाइन के जरिए ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.

ग्राउंड फ्लोर पर है इमरजेंसी वार्ड :

आपातकालीन मरीजों की आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखते हुए नए मॉडल सदर अस्पताल भवन में इमरजेंसी वार्ड को ग्राउंड फ्लोर पर जगह दी गयी है. इस वार्ड में प्रवेश करते ही मरीजों की आरंभिक जांच के लिए ट्रायज रूम बनाया गया है. जांच के बाद बीमारी के स्तर को देखते हुए मरीजों को इमरजेंसी वार्ड के यलो, ग्रीन या रेड रूम में शिफ्ट किया जायेगा.प्रथम तल पर होगा मेडिकल और सर्जरी वार्ड : प्रथम तल पर मेडिकल वार्ड एवं सर्जरी वार्ड को स्थापित किया जायेगा. यहां इनडोर सेवा के तहत मरीजों को भर्ती कराने की व्यवस्था है.नए भवन में मरीजों के लिए कुल 300 बेड लगाये गये हैं. इसमें सर्वाधिक बेड मेडिकल और सर्जरी वार्ड में उपलब्ध कराए गए हैं. सभी बेडों पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं .

द्वितीय तल पर है आइसीयू और ओटी :

नए भवन के दूसरे तल्ला पर आइसीयू, ऑपरेशन थिएटर स्थापित किया गया है. मरीजों को लाने व ले जाने के लिए लिफ्ट भी लगायी गयी है. आइसीयू और ओटी दोनों जगह मरीजों के लिए उच्च गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं. इसके लिए अत्याधुनिक उपकरण भी लगाये गये हैं. निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने में बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोशन लिमिटेड (बीएमएसआइसीएल) द्वारा कराया गया है.

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