मोख्तारखाना की जर्जर, हादसे का डर

Mokhtarkhana dilapidated, fear of accident

By Prabhat Khabar News Desk | March 23, 2024 12:23 AM

गुमटियों से आने जाने में हो रही है परेशानी फोटो नंबर – – संवाददाता, आरा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं के लिए न्यायालय परिसर से बाहर निर्मित मोख्तारखाना की स्थिति काफी जर्जर है. फिर भी इसका मरम्मत नहीं कराया जा रहा है. इसके छत के गिरने की स्थिति बन गयी है. यदि ऐसा हुआ तो अधिवक्ताओं के लिए खतरे की घंटी है. इसमें दर्जनों अधिवक्ताओं का टेबल है. यहीं से यह अधिवक्ता सिविल कोर्ट व अन्य जगहों पर जाकर विभिन्न न्यायालयों में मामले की जीरह व बहस करते हैं, लेकिन इसमें कुड़ों का अंबार लगा रहता है. वर्ष 1915 में हुआ था निर्माण इसका निर्माण 1915 इस्वी में अंग्रेजों के द्वारा कराया गया था. निर्माण हुए लगभग 96 वर्ष हो गये. सुर्खी, चुना तकनीक से इसका निर्माण कराया गया है. पत्थर व सहथीर से छत को बनाया गया है. अंग्रेजों द्वारा आरसीसी छत का निर्माण नहीं कराया जाता था. इसी तरीके से छत बनाया जाता था. फिर भी इसकी मजबूती काफी अधिक थी, पर विगत कई वर्षों से इसका छत जर्जर हो चुका है. वहीं, दरवाजा व खिड़कियां टूट चुकी हैं. इसका देखभाल नहीं किया जाता है. मरम्मत नहीं किया जाता है. बारिश का पानी आता है छत के नीचे पूरे बरसात में बारिश होने के बाद पानी छत से बाहर गिरने की जगह पूरा पानी मोख्तारखाना के अंदर गिरता है. इस कारण अपने टेबल पर अधिवक्ताओं को बैठने में काफी परेशानी होती है. वहीं, पानी के रिसाव के कारण बरामदे में छत के लोहे में जंग लगने से छड़ों की स्थिति ऐसी हो गयी है कि छत का भार सहना मुश्किल हो रहा है. इससे कभी भी गंभीर हादसा होने की संभावना जताई जा रही है. बाहर भी होता है जलजमाव बारिश होने पर मोख्तारखाना के बाहर भी जलजमाव की स्थिति बनती है. इस कारण आने जाने में काफी परेशानी होती है. फिर भी वहां मिट्टी की भराई नहीं की जा रही है. इस परिसर की काफी उपेक्षा हो रही है. इससे यहां रहकर काम करनेवाले अधिवक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. गुमटियों का किया गया है भरमार मोख्तारखाना के आसपास काफी गुमटियां रखी गयी हैं. मोख्तारखाना के भवन के बाहर इसका जितना भी परिसर है, उसमें गुमटियां इस तरह रखी गयी हैं कि चलना मुश्किल हो रहा है. वहीं अधिवक्ताओं की इतनी संख्या है कि अधिवक्ता कहां बैठे, इसकी समस्या हो गयी है.हर जगह गुमटियां फैली हुई हैं. झूलते हैं पंखे ,जर्जर है बिजली व्यवस्था इस भवन की बिजली व्यवस्था काफी जर्जर है. बिजली के तार काफी जर्जर स्थिति में हैं. कभी भी शार्ट सर्किट हो सकता है. वही पंखे की स्थिति भी काफी जर्जर है. अधिकांश पंखे खराब होकर झुलते रहते हैं. कभी भी नीचे गिर सकते हैं.इससे अधिवक्ताओं के जीवन पर खतरा हो सकता है. केवल पैसा वसूलत है बार एसोसिएशन मोख्तरखाना में बैठकर काम करनेवाले अधिवक्ताओं का कहना है कि बार एसोसिएशन केवल पैसा वसूलता है. लगातार घूमतियों को रखवाकर भी पैसा वसूलता है. वहीं अधिवक्ताओं से भी निबंध के समय पैसा लिया जाता है. जबकि सुविधाएं कुछ भी नहीं दी जाती हैं. मोख्तरखाना में ना तो शौचालय है एवं ना ही यूरिनल है. अन्य सुविधा भी नदारत हैं.बार एसोसिएशन केवल पैसा वसूली संगठन बन गया है. दलालों का भी है कब्जा मोख्तारखाना में जितनी भी कुर्सी एवं टेबल हैं, उसमें से कई टेबलु एवं कुर्सी पर दलालों का कब्जा है. इन दलालों के द्वारा तरह-तरह का धंधा किया जाता है. जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र साहित्य कई तरह के प्रमाणपत्रों को बनवाने का काम यहीं बैठकर किया जाता है. वहीं शपथ पत्र बनाने वाले टिकट ब्लॉकिंग का भी काम किया जाता है. अधिवक्ता भय के साये में रहते हैं. ऐसे लोगों को मना नहीं कर पाते हैं. ऐसे में अधिवक्ताओं की भी बदनामी होती है. शाम के बाद नशेड़ियों का हो जाता है राज शाम में अधिवक्ताओं के चले जाने के बाद मोख्तरखाना में नशेड़ियों का राज हो जाता है. गांजा सहित अन्य तरह के नशा किए जाते हैं. इसके बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती है.

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