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जिले में अबतक 150 एकड़ से अधिक की फसल जली

दुखद. मार्च से 22 अप्रैल तक हुईं अगलगी की घटनाओं से अन्नदाता हुए परेशान, पूरे वर्ष की खर्च की चिंता सता रही

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2024 10:27 PM

आरा. मार्च से लेकर 22 अप्रैल तक जिले में हुई अगलगी की विभिन्न घटनाओं में अबतक 150 एकड़ से अधिक की तैयार फसल आग से जलकर राख हो गयी है. वहीं 60 से अधिक झोंपड़ीनुमा घर व दूसरे तरह के घर जलकर राख हो गये हैं. लगातार हो रही प्रतिदिन की घटनाओं से जिले के किसान काफी हताश और मायूस हैं. बिजली के शॉर्ट सर्किट से अबतक जिले के विभिन्न गांवों के बधारों में अगलगी की खबरें सामने आयी हैं. वहीं जब दमकल विभाग को आग बुझाने की सूचना दी जाती है, तो उसके पहुंचते-पहुंचते सबकुछ राख हो गया होता है. इससे किसानों में प्रशासनिक तंत्र के खिलाफ काफी आक्रोश है. गेहूं ,चना ,मसूर आदि फसलें हुई हैं नष्ट : अगलगी की घटनाओं के कारण जिले में गेहूं ,चना, मसूर, मटर आदि प्रमुख फसलें जलकर राख हो गयी हैं. एक अनुमान के मुताबिक जिले में विगत एक माह में लगभग 50 लाख की संपत्ति जलकर राख हो गयी है. जिले में फायर ब्रिगेड के पास हैं कुल 19 गाड़ियां : जिले में कुल 19 फायर ब्रिगेड गाड़ियां हैं. इसमें 18 ठीक हालत में हैं. पांच बड़ी व 13 छोटी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां हैं. इसमें एक गाड़ी खराब है.10 छोटी गाड़ियां थानों में उपलब्ध हैं. शेष गाड़ियां आरा, पीरो व फायर स्टेशनों में उपलब्ध हैं. वहीं] पीरो फायर सब स्टेशन में फायरमैन 8 हैं. ड्राइवर 6 सब ऑफिसर 1, स्टेशन हेड एक ,छोटा दमकल वाहन 4 में से एक वाहन पीरो,एक वाहन चरपोखरी और एक वाह तरारी थाना में हैं.एक छोटा वाहन फायर स्टेशन में है.जबकि फायर सब स्टेशन में बड़ा दमकल वाहन एक है. दमकल विभाग की भूमिका हो रही है नगण्य : जिले में दमकल विभाग जिला मुख्यालय आरा में है. वहीं पीरो अनुमंडल तथा जगदीशपुर अनुमंडल में भी दमकल विभाग के कार्यालय कार्यरत हैं. कई थानों में भी गाड़ियां उपलब्ध करायी गयी हैं. फिर भी जिले में अगलगी की घटनाओं में फसलें एवं झोंपड़ीनुमा घर जल रहे हैं. इस पर रोक नहीं लग पा रही है. एक तरफ सूचनाओं का नहीं पहुंचना, दूसरी तरफ से सूचना मिलने के बाद भी विभाग द्वारा सुस्ती बरतना, हर जगह अभी तक पानी के प्वाइंट का प्रबंध नहीं करना, गाड़ियों की विभिन्न कारणों से स्थिति दयनीय होना आदि कमियों के कारण अगलगी की घटनाओं पर नियंत्रण नहीं पाया जा रहा है.

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