14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुत्र के साथ नदी पार कर रहा पिता डूबा पेड़ की डाली पकड़ बच्चे ने बचायी अपनी जान

चरपोखरी थाना क्षेत्र के धमनियां के पास बनास नदी पार करते समय हुई घटना

गड़हनी.

पुत्र के साथ अपने गांव जा रहा ग्रामीण बनास नदी को पार करने के दौरान डूब गया, जिससे उसकी मौत हो गयी. जबकि उसका छह साल का बेटा भोदल नदी के किनारे पानी में लटक रही पेड़ की डाल को पकड़ कर अपनी जान बचा ली. जानकारी के अनुसार चरपोखरी थाना क्षेत्र के बनास नदी में गड़हनी ठाकुरबाड़ी के सामने गुरुवार की सुबह एक शव तैरता हुआ मिला. शव को देख इलाके में खलबली मच गयी. देखते-देखते कई लोग मौके पर जुट गये. तभी घटना स्थल से एक पेड़ की डाली से छोटे बच्चे की आवाज बचाओ-बचाओ की आयी, जिसे ग्रामीणों ने सुन मौके पर पहुंच बच्चे को पेड़ से उतारा. इसके बाद बच्चे ने नदी में तैर रहे शव की पहचान अपने पिता के रूप में कराते हुए बताया कि शव मेरे पिता नागेश्वर राम 35 वर्ष रत्नाढ़ निवासी स्व अकल राम के पुत्र की है. पिता जी मुझे कंधे पर बैठा कर बुधवार की शाम गांव जाने के लिए नदी पार कर रहे थे, तभी वह नदी में डूबने लगे और मेरा साथ उनसे छूट गया. मेरे पास एक पेड़ की टहनी थी, जिसे पकड़कर मैं पूरी रात उसी पर बैठ कर रोता रहा, लेकिन किसी ने मेरी आवाज नहीं सुनी. भोदल ने बताया कि पिता जी मेरे देखते-ही-देखते नदी में डूब गये.

वहीं, चरपोखरी एसएचओ संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मृतक रत्नाढ़ का निवासी है, लेकिन पूरे परिवार के साथ अपने ससुराल शांतिनगर गड़हनी में रहता था. बुधवार को अपने छह वर्ष के पुत्र भोदल को लेकर रत्नाढ़ जा रहा था, तभी धमनियां के पास नदी पार करते समय डूब गया. हालांकि पुत्र भोदल ने कुछ दूर पर पेड़ को पकड़ लिया और रात भर पेड़ पर बैठा रहा. सुबह ग्रामीणों को देख पेड़ पर से हल्ला किया, तो लोगों ने उसको पेड़ से उतारा. चरपोखरी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नदी से निकाला. शव को देख पत्नी विभा देवी का रो-रो कर बुरा हाल हुआ था. मौके पर कुछ जनप्रतिनिधि, गड़हनी बीडीओ अर्चना कुमारी ने पहुंच शव का पंचनामा बनाकर परिजनों के साथ शव को आरा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक एक मजबूर था. मजदूरी कर अपना घर परिवार चलाता था. अब परिवार के सामने बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी. मृतक के तीन पुत्री व दो पुत्र है.

पानी में झुकी पेड़ की टहनी ने बचा ली भोदल की जान :

छह साल के बच्चे भोदल के लिए पानी में लटक रही पेड़ की डाली जीवनदायनी बन गयी. इसे भोदल की समझदारी कहें या ईश्वर की कृपा, जिससे मां विभा देवी की गोद सुना होने से बच गयी. विभा और नागेश्वर राम के तीन पुत्र और दो बेटियां हैं. इनमें छह साल के भोदल को लेकर नागेश्वर अपने साथ गांव रत्नाढ़ जा रहा था, लेकिन उसकी जान चली गयी. नागेश्वर की मौत के बाद विभा बार-बार बच्चे को देखकर एक तरफ संतोष जता रही थी, तो दूसरी तरफ नागेश्वर के शव को देख बेहोश हो जा रही थी.

भोदल बोला, मेरी आंखों के सामने डूब गये पापा

दिल को दहला देनेवाली इस घटना के बारे में मौके पर मौजूद लोगों को बताते हुए छह का भोदल ने कहा कि मैं जब पेड़ की डाली पर चढ़ा उस समय तक मेरे पापा नदी के तेज धारा में इधर-उधर हो रहे थे, लेकिन कुछ देर बाद ही वे लापता हो गये.

क्षेत्र में दिन भर बच्चे की बहादुरी की होते रही चर्चा :

इस घटना के बारे में जिसने भी सुना और देखा वह छह साल के भदोल की बहादुरी और उसकी किस्मत की चर्चा जरूर की. हर तरफ भदोल की जान बचने की चर्चा लोग आपस में करते रहे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें