जिले में पारा पहुंचा 46 के पास, उमस और चिलचिलाती धूप से लोग कर रहे त्राहिमाम
सुबह नौ बजे के बाद सड़कों पर कम हो जा रही लोगों की आवाजाही
आरा. गर्मी और तपिश की स्थिति ऐसी है कि धरती और आसमान दोनों तप रहे हैं. जिले का पारा 46 डिग्री सेल्सियस का कांटा छू रहा है. जबकि न्यूनतम तापमान भी 33 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. वहीं तेज रफ्तार से बह रही पूरवा हवा कोढ़ में खाज की तरह काम कर रही है. लू के थपेड़ों से पूरा जनमानस त्राहिमाम कर रहा है. बाहर की कौन कहे घरों में भी लोग परेशान हो रहे हैं. इस कारण जिले में लोगों के बीच हाहाकार की स्थिति है. सुबह में भी घर से निकलने में काफी परेशानी हो रही है. दुकानों व कार्यालयों में काम करनेवाले लोग गर्मी से बेहाल हैं. कई लोग आवश्यक काम होने पर ही घराें से बाहर निकल रहे हैं. कई लोगों को तो बेहोशी की स्थिति बन जा रही है. सरकारी स्कूलों में बच्चों की स्थिति है काफी खराब : गर्मी को लेकर शहर के अधिकतर प्राइवेट स्कूल बंद हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में पढ़ाई बुधवार तक जारी रही. ऐसे में स्कूल से घर आने में बच्चों की हालत काफी खराब हो जा रही है. इस गर्मी से पढ़ने की जगह वे परेशान रह रहे हैं. सुबह 9:00 बजे के पहले व शाम 4:00 के बाद ही घरों से निकल रहे लोग : हालात यह है कि बहुत जरूरी होने पर भी गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं पड़े इसलिए लोग सुबह 9:00 बजे के पहले कार्य करके वापस लौट जा रहे हैं या फिर इसके लिए शाम 4:00 बजे के बाद ही घरों से बाहर निकल रहे हैं. काफी संख्या में मजदूर भी कार्य पर नहीं जा रहे हैं. घरों का निर्माण कार्य भी कई जगह बंद कर दिये गये हैं. लस्सी और ठंडे पेय की बढ़ गयी है मांग : प्रचंड गर्मी के कारण लस्सी व अन्य ठंडा पेयजल की मांग बढ़ गयी है. जगह-जगह लस्सी आदि की दुकानें सजायी गयी हैं. वहीं, अधिकांश दुकानदार अपनी दुकान में अन्य सामान के अलावा ठंडे पेयजल का काफी भंडार इकट्ठा कर लिए हैं. वहीं, सत्तू एवं बेल के शरबत का काफी महत्व बढ़ गया है. यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक होता है. काफी प्राचीन समय से लोग गर्मी में सत्तू एवं बेल के शरबत का उपयोग करते आ रहे हैं. काफी संख्या में बिक रहे हैं मिट्टी के घड़े एवं सुराही : वर्तमान में लोग गर्मी से बचने के लिए अपनी पुरानी परंपराओं के अनुसार मिट्टी के घड़े एवं सुराही का उपयोग कर रहे हैं. कई जगह मिट्टी के घड़े एवं सुराही की दुकानें सजी हैं. इन दुकानों पर काफी संख्या में लोग खरीदारी को लेकर पहुंच रहे हैं. लोगों का मानना है कि इससे प्राकृतिक सुविधा मिलेगी. स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. गमछा या तौलिया सिर पर रखकर निकल रहे हैं लोग : हालत यह है कि लोग शरीर को ढक कर चल रहे हैं. सिर पर गमछा या तौलिया का उपयोग कर रहे हैं. अपनी पुरानी परंपराएं फिर से याद आने लगी हैं. लगभग 90% लोगों के सिर पर गमछा या तौलिया गर्मी से बचने के लिए दिखाई दे रहे हैं. बढ़ गयी है एसी एवं कूलर की मांग : बेतहाशा गर्मी के कारण एसी एवं कूलर की मांग बढ़ गयी है. इन दुकानों में काफी संख्या में लोग पहुंचकर एसी एवं कूलर की खरीदारी कर रहे हैं. बड़े-बड़े दुकानदारों द्वारा काफी संख्या में विभिन्न आकार ,प्रकार, रंग एवं कीमत के एसी एवं कूलर उपलब्ध कराये गये हैं. गायब हो गये हैं मच्छर : गर्मी के कारण मच्छर गायब हो गये हैं. लगभग 10 से 15 दिन पहले मच्छरों के कारण घरों में एवं बाहर भी रहना मुश्किल हो रहा था. कई विषाक्त मच्छर भी पैदा हो गये थे. इनके काटने से लोग काफी भयभीत हो रहे थे, पर फिलहाल अधिकांश मच्छर गायब हो गये हैं. इससे लोगों को काफी राहत मिल रही है. अधिक तापमान से स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है बुरा असर : अधिक तापमान के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. गर्मी के कारण सर्दी, जुकाम व बुखार की स्थिति हो सकती है. वहीं दस्त की भी स्थिति बन सकती है. इसे लेकर चिकित्सक डॉ मनोज कुमार रंजन ने बताया कि गर्मी को देखते हुए पूरे बदन को कपड़े से ढक कर रखना चाहिए. अधिक से अधिक पानी-पीने की आवश्यकता है. धूप से बचना जरूरी है. मौसमी फल का सेवन करने की आवश्यकता है .इसमें खरबूज, डॉभ, खीरा, नींबू पानी, नींबू शिकंजी, खरबूज, तरबूज, आम, खीरा, ककड़ी का सेवन जरूर करें. शरीर में पानी की कमी न होने दें. एक दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी जरूर पीएं. छाछ, लस्सी, कच्चे आम का पना, बेल का शरबत या सत्तू का शरबत इस मौसम में बहुत फायदेमंद होता है.
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