सड़कों के किनारे और पुल के नीचे चल रहे खटाल, राहगीर परेशान
जानवरों के गोबर से नालियां भी हो रहीं जाम, पानी का बहाव नहीं होने से सड़क हो रही जर्जर, प्रशासन का नहीं है ध्यान
आरा.
नगर के कई सड़कों के किनारे और ओवरब्रिज के नीचे खटालों का संचालन किया जा रहा है. सड़क के किनारे चल रहे खटालों से एकतरफ जहां यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है और लोगों को सड़क पर चलने में परेशानी हो रही है, वहीं दूसरी और जानवरों के गोबर से सड़क किनारे बनायी गयीं नालियां भी जाम हो रही हैं, जिसे घरों का पानी नाली से नहीं बह कर सीधे सड़कों पर बह रहा है. इससे सड़क भी जर्जर हो रही है. इसके बावजूद इस पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है.रेलवे ओवरब्रिज के नीचे वर्षों से चलाया जा रहा खटाल :
नगर के महत्वपूर्ण रेलवे लाइन के ऊपर बने ओवरब्रिज एवं ओवरब्रिज पर पहुंच पथ के नीचे वर्षों से काफी संख्या में खटाल चलाये जा रहे हैं. इससे पुल को क्षति पहुंच रही है. फिर भी संबंधित विभाग द्वारा इसके रखरखाव के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है. समस्या यह है कि यदि कोई दुर्घटना होती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. लोगों का कहना है कि घटना होने के बाद ही प्रशासन जगता है.यातायात हो रहा है प्रभावित :
आरा शहर की सड़कों की चौड़ायी वैसे ही पहले से कम है. वहीं हर दिन नये वाहनों के दबाव के कारण यहां हर दिन जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ता. उसी में सड़क किनारे चलाये जा रहे खटाल या गायों से दूध निकालने के बाद उन्हें सड़क पर खुले में छोड़ देने से स्थिति और भी खराब हो जा रही है. सड़क किनारे चल रहे खटालों में बांधे पशुओं का पगहा इतना लंबा रखा जा रहा है कि मवेशी सड़क तक पहुंच जा रहे है. वहीं दूसरी ओर आधी सड़क को अतिक्रमण कर गोबर, भूसा और पानी का ड्राम रख दिया जाता है, जिससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. अगर कोई इसके प्रति आवाज उठाता है, तो खटाल संचालक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. इन सब परेशानियों के बावजूद नगर निगम अभियान चला कर शहर में चल रहे खटालों को नहीं हटा पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है