आजादी के 76 साल बाद भी रास्ता विहीन है गड़हनी का तीनघरवा टोला

ग्रामीण कई बार मुख्यमंत्री के जनता दरबार और जिला प्रशासन से लगा चुके हैं गुहार

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2024 9:51 PM

गड़हनी.

प्रखंड क्षेत्र के लोग एक तरफ स्वतंत्रता दिवस मनाने का जश्न मना रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ नगर पंचायत गड़हनी वार्ड 01 के तीनघरवा टोला के लोग गुलाम जैसी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं. आजादी के 76 साल बाद भी यहां के लोगों को बरसात के दिनों में अपने घरों में कैद होना पड़ता है. मुख्य बाजार गड़हनी तक पहुंचने के लिए कच्ची पगडंडियों का ही सहारा लेना पड़ता है, लेकिन बरसाती नदी सहिला में स्थायी पुल नहीं होने की वजह से नदी तैर कर पार करना पड़ता है या बैरंग वापस लौटना पड़ता है. गड़हनी ग्राम पंचायत से नगर पंचायत हो गया लेकिन वार्ड 1 के तीन घरवा टोला की सूरत आज तक नहीं बदली. बिजली के पोल के सहारे नदी पार करते हैं ग्रामीण : ग्रामीण आपसी सहयोग से नदी में पुल बनाने का प्रयास किये, लेकिन अर्थ के अभाव में पुल का ढलाई नहीं हो पाने के कारण बिजली के खंभा का सहारा लिया. जब पानी का जलस्तर कम रहता है लोग जान जोखिम में डालकर किसी तरफ नदी पार करते हैं, लेकिन प्रत्येक वर्ष बरसात में कुछ दिनों के लिए रास्ता अवरुद्ध हो जाता है. पुल नहीं बनने तक हो नाव की व्यवस्था : सहिला नदी में पानी भर जाने से हजारों लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. गड़हनी उत्तर पट्टी के सैकड़ों किसान परिवार जिनका जीवकोपार्जन एक मात्र खेती ही है. पानी बढ़ने से वे अपने खेतों तक नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं नगर पंचायत वार्ड 1 के तीन घरवा टोला के ग्रामीण अपनी जरूरत की चीजों के लिए बाजार तक नहीं आ पाते. नगर पंचायत प्रशासन से नाव की मांग की गयी है. जनप्रतिनिधि ने कहा, वार्ड 1 की पार्षद आरती कुमारी ने बताया कि सड़क व पुल निर्माण के लिए प्रयासरत हूं. बोर्ड की बैठक में स्वीकृति मिल गयी है. आगामी बरसात से पहले पुल का निर्माण करा दिया जायेगा. जब तक पुल नहीं बनाता हैं. नाव रखने के लिए भी बोर्ड द्वारा स्वीकृति दी गयी है, लेकिन नगर प्रशासन के सुस्त रवैया से नाव नहीं चल पा रहा है. बनास नदी में लगातार 3 साल नाव अपने पैसे से जनहित में चलवाई लेकिन कोई भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया गया. नाव टूट जाने के चलते बंद है.

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