आरा-सहार.
भोजपुर पुलिस ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल करतेे हुए सहार थाना क्षेत्र के नवादा गांव से लगभग एक दर्जन कांडों में वर्षाों से फरार चल रहेे एक लाख के इनामी अपराधी विश्वजीत कुमार यादव उर्फ तेजू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. विदित हो कि गिरफ्तार अपराधी नवादा गांव (सहार) निवासी बीरेंद्र यादव का पुत्र है. इसके विरूद्ध सहार, नारायणपुर, उदवंतनगर, चरपोखरी, सिकरहटा, अरवल, अजीमाबाद, रामपुर चोरम थाना में दर्जनों मामले दर्ज हैं. जिसके बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. जिसको लेकर प्रशासन के द्वारा विश्वजीत कुमार यादव पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गयी थी. जिसकी गिरफ्तारी शुक्रवार को नवादा गांव से की गयी. इस संबंध में पुलिस कप्तान प्रमोद कुुमार यादव ने आरा में प्रेस वार्ता कर बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि नवादा गांव में एक जमीन विवाद में बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए विश्वजीत कुमार यादव अपने गांव आया है. जिसके बाद सहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार के नेतृत्व में दारोगा रजनीश कुमार, दीपक कुमार मंडल, शरद कुमार और पुलिस बल की टीम तैयार कर नवादा गांव में छापामारी करने पहुंची, तो पुलिस को देखकर एक आदमी भागने लगा. जिसे पुलिस बल के द्वारा खदेडकर पकड़ा गया. उसकी तलाशी के दौरान एक देसी पिस्टल एवं 25 जिंदा कारतूस बरामद हुआ. इसके बाद सहार थाने में आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.दो अरोपितों को दस-दस वर्षों की सश्रम कारावास : आरा.
गाड़ी से रौंदकर हत्या के एक मामले में एडीजे -13 आदित्य सुमन ने शुक्रवार को दो आरोपियों को दस-दस वर्षों की सश्रम कारावास एवं कुल 35 – 35 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनायी. अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक नागेश्वर दुबे ने बहस किया था. लोक अभियोजक श्री दुबे ने बताया कि 8 दिसम्बर 2017 की रात्रि में शाहपुर थानांतर्गत इटवा गांव निवासी रोहित सिंह अपने ममेरे भाई विशाल सिंह के साथ उसी गांव के जनार्दन सिंह के घर से बारात करके मोटरसाइकिल से अपने घर लौट रहा था. जब गांव के शनिश्चरा बाबा के समीप पहुंचा तो पीछे से बोलेरो से धक्का मारकर रौंद दिया गया. घटना स्थल पर ही रोहित सिंह की मौत हो गयी थी. जबकि विशाल सिंह गम्भीर रूप से जख्मी हो गया था. घटना को लेकर मृतक के पिता सुनील कुमार ने संबंधित थाना में उसी गांव के जितेन्द्र कुमार यादव एवं सिद्धनाथ यादव समेत अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना का कारण बारात के जनमासा में आपसी विवाद बताया जाता है. अभियोजन की ओर से कोर्ट में सात गवाह की गवाही हुई थी. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद एडीजे – 13 श्री सुमन ने भादवि की धारा 304/34 तथा 307/34 के तहत दोषी पाते हुए आरोपी जितेन्द्र कुमार यादव उर्फ बेला यादव एवं सिद्धनाथ यादव उर्फ सिधू को दस -दस वर्ष तथा सात- सात वर्ष का सश्रम कारावास तथा कुल 35 – 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. सभी सजाएं साथ- साथ चलेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है