पीरो में यात्री शेड पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर सजा दी हैं दुकानें, परेशानी

वाहनों के इंतजार में यात्री सड़क पर खड़ा रहते हैं, बारिश और धूप में होती है मुश्किल

By Prabhat Khabar News Desk | September 20, 2024 9:07 PM

पीरो.

मुख्यालय के नया बस पड़ाव में बना यात्री शेड रख रखाव की कमी और प्रशासनिक उदासीनता के कारण अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है. यात्री शेड के आगे अतिक्रमण कर दुकानें लगा दी गयी हैं. यात्री शेड पर अतिक्रमण होने के कारण यहां यात्रियों को अपने गंतव्यों तक जाने के लिए यात्री वाहनों का इंतजार जहां-तहां खड़ा होकर करना पड़ता है. धूप, गर्मी और बरसात के समय यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात होने पर यात्रियों को बस पड़ाव में अवस्थित दुकानों के शेड में किसी तरह शरण लेनी पड़ती है. नया बस पड़ाव में यात्री सुविधाओं की कमी : पीरो के नया बस पड़ाव में सुविधाओं की कमी को झेलते हुए सैकड़ों यात्री प्रतिदिन यहां से अलग- अलग जगहों के लिए यात्रा करते हैं. पीरो बस पड़ाव से आरा, पटना, सासाराम, डिहरी, बिक्रमगंज और कोलकाता के अलावा खुटहा, मोपती, नासरीगंज, तरारी समेत दर्जनों स्थानों के लिए प्रतिदिन हजारों यात्री बस या अन्य छोटे-बड़े यात्री वाहनों से यात्रा करते हैं. उक्त गंतव्यों के लिए यहां से हर दिन सैकड़ों छोटे बड़े यात्री वाहन खुलते हैं. पीरो अनुमंडल मुख्यालय का यह बस पड़ाव यात्रा का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही स्थानीय नगर निकाय को प्रति वर्ष लाखों रुपये का राजस्व भी देता है, लेकिन इसके बावजूद यहां यात्रियों के लिए सुविधाएं नदारद हैं. बस पड़ाव का उपयोग करनेवाले. दैनिक यात्रियों की संख्या को देखते हुए यहां यात्रियों के बैठने के लिए कम से कम दो या तीन यात्री शेड की आवश्यकता है, लेकिन यहां वर्षों पुराना बना एकमात्र जीर्ण-शीर्ण यात्री शेड है और वो भी अतिक्रमण की चपेट में है. ऐसे में यहां यात्रियों को खुले में खड़ा होकर यात्री वाहनों का इंतजार करना मजबूरी बन गयी है. बस पड़ाव में एक शौचालय सह स्नानागार बना हुआ है, जो काफी पुराना हो चुका है और यहां आनेवाले यात्री मजबूरी में ही इसका उपयोग करते हैं. पेयजल के नाम पर हाल ही में नगर परिषद की ओर से वाटर टैंक लगाया गया है, लेकिन यहां से यात्रा करनेवाले अधिकतर यात्री बस पड़ाव में अवस्थित दुकानों में लगे चपाकल का ही उपयोग करते हैं.

अतिक्रमण हटाने के नाम पर होती है खानापूर्ति : पीरो में अतिक्रमण हटाओ अभियान त्योहारों की तरह साल दो साल में एक बार चलाया जाता है और एक दो दिन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्ती दिखाकर फिर उन्हें सड़क पर कब्जे की खुली छूट दे दी जाती है. यही कारण है कि यहां फुटपाथ और यात्री शेड जैसे सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा जमाने में अतिक्रमणकारियों को कोई डर या भय नहीं लगता है. इस कारण अतिक्रमणकारी वर्षों से अतिक्रमण कर अपना कब्जा बनाये हुए हैं. अभी कुछ दिन पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पीरो में कार्यक्रम प्रस्तावित होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने पूरे जोर शोर से यहां अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण से मुक्त कराया था. इसके बाद एक दो दिन तक नगर प्रशासन की ओर से अभियान चलाकर दुबारा अतिक्रमण करनेवाले लोगों से जुर्माना भी वसूला गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम के रद्द होते ही स्थानीय प्रशासन अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को जैसे भूल ही गया. प्रशासनिक उदासीनता का नतीजा यह है कि शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा जस का तस फिर से बरकरार हो गया है. फुटपाथ पर दुकानें दुबारा सज गयी हैंं और यात्री शेड में मिठाई और पान की दुकान खुल गई है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version