आरा.
रामलीला के आठवें दिन 400 वर्ष पुरानी संस्था नगर रामलीला समिति के तत्वाधान में सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा और समिति के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलित कर प्रभु श्री राम की आरती की गयी. उसके बाद वृंदावन मंडली के कलाकारों द्वारा प्रथम दृश्य में महर्षि अत्रि और माता अनसूया से राम और सीता की भेंट को दर्शाया गया, जिसमें माता अनसूया सीता को पति धर्म बतलाती दिख रही हैं. दूसरे दृश्य में मारीच की सहायता से राम और लक्ष्मण को सीता से दूर भेज कर रावण द्वारा छल से सीता का हरण दिखाया गया. .तीसरे दृश्य में सुग्रीव और बाली के बीच में युद्ध दिखाया दिखाया गया और प्रभु श्री राम बालि का वध करते दिखाये गये. उसके पश्चात सुग्रीव द्वारा हनुमान को सीता की खोज में लंका भेजा जा रहा है, जहां पर सीता से मिलकर हनुमान प्रभु राम का संदेश देते हैं. अशोक वाटिका में अक्षय और मेघनाथ का हनुमान से युद्ध दिखाया गया. उसके बाद हनुमान द्वारा लंका दहन का दृश्य दर्शाया गया. इस दृश्य के बाद विभीषण द्वारा रावण को धर्म की नीति सिखाया जा रहा है. मगर रावण विभीषण को लात मार कर भगा देता है. जिससे वह प्रभु श्री राम के शरण में चला जाता है. मंडली द्वारा कार्यक्रम का मंचन बहुत ही सराहनीय था. अध्यक्ष सोनू राय ने आज की पीढ़ी को विभीषण से धर्म की शिक्षा और हनुमान से अपने स्वामी के प्रति वफादारी और अनसूया से पति धर्म जैसे शिक्षा लेने की बात कही. उन्होंने आये हुए अतिथियों का अभिवादन किया और वृंदावन की मंडली के इस मंचन के लिए सराहना की. मुख्य अतिथियों में बीरबल यादव ,अमित केसरी, राकेश रंजन उर्फ पुतुल जी, सूर्यकांत पांडे , अजय जी, मुन्ना सिंह, हरेंद्र पांडेय, मनोज सिंह, मंटू सिंह, संरक्षक मंडल में हकीम प्रसाद, रामेश्वर प्रसाद, उपाध्यक्ष संजीव गुप्ता, विजय भारती, मदन प्रसाद, शंभूनाथ केसरी ,सचिव शंभूनाथ प्रसाद ,मंच संचालन दिलीप गुप्ता ने किया इस कार्यक्रम की जानकारी प्रवक्ता पंकज प्रभाकर ने दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है