भीषण जाम में 18 घंटे तक फंसे रहे स्कूली बच्चे
चौकीदार से लेकर थानेदार डीएसपी तक जाम सुलझाने में जुटे
कोईलवर.
नये साल के पहले दिन शाम से बालू लदे ट्रकों से लग रहा जाम पांच तारीख आते-आते नासूर बन गया. स्थिति ऐसी हो गयी कि बालू वाले ट्रकों के साथ बस, ट्रक, ट्रैक्टर, कार, जीप व बाइक की कौन कहे पैदल निकलने वाले लोगों के भी इस हाड़ कंपाती ठंड में पसीने छूट गये. अंततः कोईलवर के मनभावन चौक पर चौकीदार से लेकर थानेदार और दो-दो डीएसपी को मोर्चा संभालना पड़ा. तब जाकर जाम टस-से-मस हुआ. रविवार की देर शाम तक पटना जिले के कन्हौली, अमहरा से लेकर कोईलवर, अजीमाबाद से लेकर कोईलवर और कोईलवर से लेकर डोरीगंज तक एक लेन में हजारों हजार ट्रक खड़े थे.18 घंटे तक जाम में फंसे रहे स्कूली बच्चे :
इसी बीच शनिवार की शाम पटना से शैक्षणिक परिभ्रमण से लौट रहे डुमरांव के माउंट स्टार स्कूल के बच्चे बिहटा के सोन होटल के पास जाम में फंस गये. पूरी रात भूखे प्यासे जाम में बिलबिलाने के बाद भी जब जाम टस से मस न हुआ, तो बच्चों के साथ रहे शिक्षक बच्चों को लेकर किसी तरह परेव पहुंचे, जहां जाम छुड़ा रहे कोईलवर थानाध्यक्ष नरोतमचंद्र की नजर बच्चों पर पड़ी. किसी तरह उन्होंने बच्चों को कोईलवर लाये और उन्हें चाय नाश्ता दिया. लगभग सात किमी पैदल चल कोईलवर पहुंचा छोटे-छोटे बच्चों का दल कोईलवर से दूसरी स्कूल बस से वापस डुमरांव गया. जाते वक्त बच्चों ने कोईलवर थानाध्यक्ष नरोतमचंद्र को शुक्रिया कहा.चौकीदार से लेकर थानेदार डीएसपी तक के छूटे पसीने :
पटना-बक्सर एनएच पर सकड्डी से लेकर बिहटा, कन्हौली तक जाम हो गया. यही, हाल कोईलवर-डोरीगंज सड़क का भी रहा. चार दिसंबर की रात सिक्सलेन पुल के उत्तरी लेन में एक छोटी सड़क दुर्घटना और आगे निकलने की आपाधापी में लगा जाम सुबह होते होते पूरी तरह पैक हो गया. रविवार की सुबह कई एंबुलेंस छोटे बड़े वाहन समेत कई आवश्यक वाहन जाम में बिलबिलाते रहे. अंततः यातायात डीएसपी मनोज सुधांशु, एसडीपीओ सदर-2 रंजीत कुमार सिंह, कोईलवर थानेदार नरोतमचंद्र दो दर्जन से अधिक जवानों और अधिकारियों को लेकर सड़क पर उतरे. लगभग चार घंटे से अधिक देर तक मशक्कत के बाद पटना की ओर जानेवाला लेन खाली हो सका, जिसके बाद एक ही लेन से दोनों ओर की जरूरी गाड़ियों का परिचालन शुरू कराया गया.बेतरतीब परिचालन से बढ़ी मुसीबत :
पटना जिले से कोईलवर सोन नदी पर बने सिक्सलेन पुल होकर कोईलवर पहुंच रहे बालू लदे ट्रकों को बिहटा में नो एंट्री के नाम पर आइआइटी मोड़ बिहटा और एचपीसीएल प्लांट के पास रोक दिया जाता है. कई बार वहां से अचानक उन बालू लदे ट्रकों को कोईलवर की ओर छोड़ दिया जाता है. अचानक छूटने के बाद आगे निकलने की होड़ में ट्रकों का रेला कोईलवर की ओर कूच करता है और इसी आपाधापी में बिहटा से लेकर कोईलवर के मनभावन मोड़ तक जाम की स्थिति पैदा हो जाती है. इसी बीच कुछ बालू लदे ट्रक दाहिने लेन से कोईलवर मनभावन मोड़ आने के चक्कर में उल्टे लेन में भी जाम की स्थिति पैदा कर देते हैं. यही हाल सहार, अजीमाबाद संदेश की तरफ से सकड्डी होकर मनभावन मोड़ की ओर आनेवाली गाड़ियों का भी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है