बखोरापुर में भाजपा नेता शैलेश सिंह की संदेहात्मक स्थिति में गोली लगने से मौत

हत्या या आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए घटना की जांच में जुटी पुलिस

By Prabhat Khabar News Desk | April 7, 2024 10:33 PM

बड़हरा. स्थानीय थाना क्षेत्र के बखोरापुर गांव निवासी स्व रामाधार सिंह के पुत्र सह भाजपा नेता 58 वर्षीय शैलेश सिंह की गोली लगने से संदेहात्मक स्थिति में मौत हो गयी. यह हत्या है या आत्महत्या, पुलिस के अनुसार यह जांच का विषय है. बताया जा रहा है कि रविवार सुबह शैलेश का शव दरवाजे पर खून से लथपथ पड़ा था. शव के समीप उनकी लाइसेंसी बंदूक भी पड़ी हुई थी. घटना की सूचना मिलते ही बड़हरा थानाध्यक्ष संजय कुमार अपने दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. शव के पास से दोनाली बंदूक व एक खोखा पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है. पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल आरा भेज दिया. इधर ग्रामीणों ने बताया कि शैलेश सिंह एवं उनके परिजनों को किसी से कोई तरह का विवाद नहीं था. शैलेश सिंह अपनी सेहत को लेकर बड़े ही असमंजस की स्थिति में रहते थे. जबकि उनका परिवार काफी समृद्धशाली एवं संपन्न है. उनके छोटे भाई अजय सिंह समाजसेवी सह बिहार-झारखंड के उद्योगपति के रूप में जाने जाते हैं. घर पर शैलेश सिंह के साथ उनकी पत्नी उर्मिला देवी थीं. वह जब सुबह सोकर उठीं, तो देखा कि उनके पति दरवाजे के बाहर औंधे मुंह गिरे पड़े हैं. उन्हें लगा कि उनके पति शूगर के कारण बेहोश हो गये हैं. इस अवस्था में देखकर उर्मिला देवी अपने चचेरे देवर को बुलाई. जब वह उठाने के लिए गये तो पाया कि शैलेश सिंह का शरीर खून से लथपथ है. गोली उनके छाती में लगी हुई है. घटना की खबर मिलते ही चारों तरफ कोहराम मच गया. चीख पुकार सुनकर ग्रामीण एवं सगे संबंधी द्वार पर एकत्रित हो गये. मृतक की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था. वहीं मृतक की माता देवकुमारी कुंवर बाहर थीं. जब वह घटनास्थल पर आयी तो बबुआ हो बबुआ कह कर दहाड़ मारकर रोती और बेहोश हो जाती थीं. मृतक के छह संतान में दो पुत्र एवं चार पुत्रियां हैं, जिसमें एक पुत्र नीरज सिंह की शादी हो गयी है और दूसरा पुत्र धीरज सिंह अविवाहित है. जबकि चारों पुत्रियों की शादी पहले ही कर चुके थे. शैलेश सिंह चार भाइयों में सबसे बड़े थे. वह भी भाजपा के नेता थे. घटना के दिन घर पर कोई उपस्थित नहीं था. सभी लोग बाहर रहते हैं. मृतक के बड़ा लड़का नीरज कुमार ने बताया कि मेरे पिताजी को किसी भी चीज की कमी नहीं थी. वह द्वार पर अकेला रहते थे. आत्महत्या करनी होती, तो चारदीवारी के अंदर भी कर सकते थे. गेट खोलकर बाहर आने की क्या आवश्यकता थी. अब यह प्रश्न उठता है कि शैलेश सिंह की गोली लगने से मौत होना या आत्महत्या एक हादसा या कुछ और पुलिस घटना की जांच शुरू कर दी है.

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