Bihar By Election: प्रशांत किशोर जब बिहार में पदयात्रा कर रहे थे तब हर विधानसभा में जनता से कहते थे कि आपलोग सही उम्मीदवार चुन लीजिए, लड़ाने और जिताने की जिम्मेदारी अपने भाई पर छोड़ दीजिए. कुछ रोज पहले भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी इन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की. सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर जन सुराज के उम्मीदवारों की योग्यता को लेकर पोस्ट किया जाने लगा. उनकी पार्टी एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों पर निशाना साध रही है. एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवारों की कुंडली खंगालकर सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला जा रहा है. इस सब के बीच प्रशांत किशोर को तब करारा झटका लगा जब उनको पता चला कि तरारी विधानसभा सीट से उनकी पार्टी ने जिस उम्मीदवार को उतारा है वो चुनाव लड़ ही नहीं सकते.
किसे दिया टिकट
अपने वादे के अनुसार प्रशांत किशोर भोजपुर जिले और आरा लोकसभा के अंदर आने वाली तरारी विधानसभा सीट के उपचुनाव में वो अपनी जन सुराज पार्टी के लिए एक सही कैंडिडेट खोजकर लाए. कैंडीडेट का नाम श्रीकृष्ण सिंह उर्फ एसके सिंह है जो भारतीय सेना के पूर्व उप सेना प्रमुख रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जेनरल पद पर सेवा दे चुके हैं. उम्मीदवार प्रशांत किशोर के पैमाने पर बिल्कुल फीट बैठ रहे थे. एसके सिंह तैयार हो गए और चुनाव प्रचार में भी जुट गए. सब कुछ सही जा रहा था लेकिन देश की लगभग सभी बड़ी पार्टियों और बड़े नेताओं के लिए काम कर चुके प्रशांत किशोर कैंडिडेट को चुनने में बड़ी चूक कर गए.
क्यों नहीं लड़ सकते चुनाव
बता दें कि भारतीय सेना के पूर्व उप सेना प्रमुख रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जेनरल श्रीकृष्ण सिंह उर्फ एसके सिंह सेवानिवृत्त होने के बाद से दिल्ली-एनसीआर में रहते थे और वहीं के मतदाता हैं. चुनाव आयोग के नियम के मुताबिक लोकसभा चुनाव में तो एक राज्य का वोटर दूसरे राज्य से चुनाव लड़ सकता है लेकिन विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार का उस राज्य का वोटर होना अनिवार्य है. ऐसे में श्रीकृष्ण बिहार के वोटर नहीं हैं तो वो तरारी से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
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