जाम से कराह रही हैं इस शहर की सड़कें
आरा : नगर में अतिक्रमण की समस्या लाइलाज बन गयी है. प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसका दूर-दूर तक समाधान दिखाई नहीं दे रहा है. हालात यह है कि वर्षों से जाम से नगर की सड़कें कराह रही हैं.
आरा : नगर में अतिक्रमण की समस्या लाइलाज बन गयी है. प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसका दूर-दूर तक समाधान दिखाई नहीं दे रहा है. हालात यह है कि वर्षों से जाम से नगर की सड़कें कराह रही हैं. वहीं, लोग इस समस्या से बुरी तरह जूझ रहे हैं, पर प्रशासन लोगों की समस्या से मुंह मोड़ कर चैन की बंसी बजा रहा है. अतिक्रमणकारी प्रशासन पर बहुत भारी पड़ रहे हैं. नगर सहित नगर के बाहरी क्षेत्र में जाम की स्थिति ऐसी है कि लगभग प्रतिदिन लोगों को जाम में फंसकर अपना बहुमूल्य समय बर्बाद करना पड़ रहा है. इस दौरान एंबुलेंस सहित अन्य महत्वपूर्ण गाड़ियां भी जाम में फंस जा रही हैं और लोगों को परेशानी हो रही है.
सभी सड़कों के किनारे किया गया है अतिक्रमण
नगर के सभी प्रमुख सड़कों के किनारे अतिक्रमण किया गया है. सड़क किनारे बनाये गये भवन मालिकों द्वारा भी अतिक्रमण किया गया है. वहीं, इसके बाद अस्थायी रूप से भी कई तरह के दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. इस तरह स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के अतिक्रमण से सड़कें काफी सिकुड़ गयी हैं, पर प्रशासन द्वारा इस पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जा रही है.
विधिवत मापी कराकर सड़कों को नहीं किया जा रहा अतिक्रमणमुक्त
पूरे नगर की विधिवत रूप से सरकारी स्तर पर मापी नहीं करायी जा रही है. सही ढंग से मापी कराकर अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा है. पिछले वर्ष आरा सदर अंचलाधिकारी द्वारा मापी करायी गयी थी, पर मापी के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी थी. कहीं-कहीं केवल कुछ भवनों के सीढ़ियों को तोड़ा गया था, पर इस खानापूर्ति से किसी को कोई असर नहीं पड़ा. स्थितियां ज्यों की त्यों बनी रही.
अतिक्रमण है जाम का प्रमुख कारण
अतिक्रमण के लिए कई तरह के कारण है, पर इनमें से सबसे प्रमुख कारण अतिक्रमण है. एक तरफ शहर की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है. गाड़ियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. दूसरी तरफ सड़कों के अतिक्रमण से स्वभाविक तौर पर जाम की स्थिति बनेगी ही.
posted by ashish jha