कोईलवर . बालू लदे ट्रकों से लग रहे जाम से इलाके में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. जिले के पूर्वी छोर के पटना जिले और दक्षिणी छोर के अरवल से लेकर उत्तरी छोर के सारण तक बस जाम ही जाम है. हालत यह है कि लोगों को कोईलवर से छपरा और अरवल की डेढ़ घंटे की दूरी डेढ़ दिन में तय करनी पड़ रही है. सड़क मार्ग से पटना जाने में तो लोगों की हालत खराब हो रही है. पिछले 4 दिनों से लग रहे जाम से इलाके का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. स्थानीय बाजारों की दुकानदारी चौपट हो चुकी है. भीषण गर्मी में लोग जाम में फंसकर छटपटा रहे हैं. बावजूद प्रशासनिक स्तर पर इसके समाधान के लिए कोई कवायद नहीं शुरू की जा सकी है. डेढ़ दिन में तय हो रही डेढ़ घंटे की दूरी : कोईलवर सिक्सलेन पुल पर दो दिनों से जाम में खड़े बालू लदे सैकड़ों ट्रकों में से कई चालकों ने बताया कि बुधवार की शाम से यहां जाम में फंसे हैं. गोरखपुर का एक चक्कर लगाने में औसतन तीन से पांच दिन लग जा रहा. जबकि यह सफर छह से आठ घंटे का है. वहीं, ट्रैक्टर पर बालू ले जा रहे चालकों ने बताया कि पटना जिले के बालू घाटों से छपरा की दूरी डेढ़ घंटे की है, लेकिन डेढ़ दिन से भी ज्यादा का सफर तय कर हम छपरा के बालू मंडी पहुंचते हैं.
ओवरलोड बालू लदी गाड़ियां बढ़ा रहीं परेशानी :
सोन नदी के घाटों से निकल रहे अवैध तरीके से ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का परिचालन बढ़ जाने से समस्या और बढ़ गयी है. हालात यह है कि एनएच और स्टेट हाइवे की कौन कहें, नगर पंचायत की सर्विस लेन भी बालू लदे ट्रकों से अटा पड़ा है. सकड्डी-नासरीगंज पथ से लेकर कोईलवर-डोरीगंज लिंक हाइवे और एनएच पर जाम में घंटों खड़े बालू लदे ट्रकों में अधिकांश ओवरलोड हैं, जिनपर क्षमता और चालान से अधिक बालू लदे हैं.छपरा से दानापुर तक जाम ही जाम : बालू लदे ट्रकों से भोजपुर के पड़ोसी जिला सारण के छपरा से लेकर पटना के शिवाला मोड़ और बिक्रम रानीतालाब तक जाम ही जाम है. ऐसे में जरूरत के काम से निकले लोग इस जानलेवा धूप में जाम में फंसकर बीमार हो रहे हैं. ट्रक चालक महेश यादव ने बताया कि 12 घंटे से अधिक से नये सिक्सलेन पुल के बीचोबीच फंसा हूं. पीने के पानी के लिए आगे या पीछे दो किमी पैदल चलना पड़ रहा है. सुबह से दो बार पानी लाया जो दैनिक कार्य और खाना बनाने पीने में खत्म हो गया. कोईलवर से बिहटा और दानापुर जानेवाले लोग लंबी दूरी तय कर परेव-लइ के रास्ते बिहटा पहुंच रहे हैं. वहीं, पटना जाने के लिए परेव से बांध के रास्ते मनेर होकर किसी तरह पटना पहुंच रहे हैं. आरा से छपरा जा रहे कुणाल गुप्ता ने बताया कि आज से पांच साल पहले आरा से छपरा जाने के लिए पटना होकर छपरा जाना पड़ता था. जाम की वजह से आरा से पाटलिपुत्र जंक्शन आया और वहां से ट्रेन पकड़ कर छपरा आया हूं.
डीजल-पेट्रोल और सब्जी तक पर आफत :
जाम का आलम ऐसा है कि स्थानीय बाजारों में जरूरत की चीजें भी नही पहुंच पा रही हैं. बुधवार की देर रात तक कोईलवर इलाके के आधा दर्जन पेट्रोल पंप पर तेल नही था. मनभावन मोड़ के समीप के एक पेट्रोल पंप के मैनेजर से जब देर रात बात की गयी, तो उसने बताया कि छह घंटे पहले पटना से निकला हूं. 10 बजे रात तक बिहटा में टैंकर लेकर फंसा हूं. उसने बताया कि मेरे साथ भोजपुर के दर्जन भर टैंकर हैं, जो जाम में फंसे हैं. इधर स्थानीय सब्जी दुकानदार जमाल और संटू ने बताया कि पटना और आरा की मंडी से फल सब्जी लाना दुष्कर कार्य हो गया है. सुबह के सात बजे पटना मंडी से निकल कर दोपहर साढ़े 12 बजे कोईलवर पहुंचा हूं. इस दौरान इतनी धूप में जाम में फंसकर तबीयत बिगड़ गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है