ननउर-बरुणा पथ पर जगह-जगह बन गये हैं गड्ढे, इलाके के लोग परेशान
जर्जर सड़क रहने के कारण अपराधियों द्वारा हमेशा लूटपाट व छिनतई की घटनाएं की जा रहीं
अगिआंव.
प्रखंड के अगिआंव और तरारी विधानसभा के बॉर्डर पर स्थित नोनउर- बरुणा मुख्य सड़क की स्थिति बहुत ही दयनीय है, जिससे सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक के दर्जनों गांवों की आबादी परेशान है. जब चुनाव का समय आता है, तो मतदाताओं के शरण में नेता आने लगते हैं. मतदाताओं को भगवान मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सहयोग मांगने लगते हैं. बड़ी- बड़ी गाड़ियों के काफिले में बैठ कर मतदाताओं के पास पहुंच जायेंगे, फिर से पंचायत और गांव के विकास की मुद्दे उठेगा, मगर पंचायत एवं गांव के विकास की समस्या का निदान बेअसर ही मिलेगा. नोनउर-बरुणा सड़क अगिआंव सहार के बॉर्डर पर स्थित है. सड़क पूरी तरह गढ्ढे में तब्दील है. सड़क के किनारे बसे ग्रामीणों का सबसे महत्वपूर्ण समस्या नोनउर से बरुणा तक की 06 किलोमीटर लंबी जर्जर सड़क की समस्या पिछले चार वर्षों से मुंह बाये खड़ी है. हल्की वर्षा होने पर इस सड़क पर पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. इस सड़क के दोनों ओर दर्जनों गांवों में लगभग 50 हजार से अधिक की आबादी और परिवार रहते हैं. इस सड़क पर नोनउर ,नाढी, मुजफ्फरपुर, बजरेयां, बरुही ,सेंवथा, बरुणा सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थान मौजूद है. सभी लोगों को रात दिन इसी सड़क पर आना- जाना होता रहता है. जर्जर सड़क के कारण हमेशा यहां लूटपाट और छिनतई है. बताया जाता है कि इस सड़क का निर्माण लगभग 20 वर्ष पूर्व तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कांति सिंह के द्वारा कराया गया था. बाद में वर्ष 2020 में एक करोड़ 37 लाख रुपये से इस सड़क की मरम्मत कार्य कराया गया था. मगर वह सड़क मरम्मत कार्य कुछ ही दिनों में उखड़ कर बर्बाद हो गया था. वहीं, सहार की बरुही पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य नंद कुमार सिंह उर्फ नंदु सिंह ने बताया कि जिला पदाधिकारी, डीडीसी और स्थानीय प्रतिनिधि को हमारे द्वारा सड़क निर्माण के लिए कई बार आवेदन भी दिया गया है, लेकिन सब बेअसर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है