जनसंख्या के 31 प्रतिशत लोग हैं हृदय रोग से पीड़ित
जिले में जनसंख्या के लगभग 31% लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं. इनमें अधिकांश 30 वर्ष से ऊपर की आयु वाले हैं. हालांकि सदर अस्पताल सहित अन्य किसी भी सरकारी अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है.
आरा. जिले में जनसंख्या के लगभग 31% लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं. इनमें अधिकांश 30 वर्ष से ऊपर की आयु वाले हैं. हालांकि सदर अस्पताल सहित अन्य किसी भी सरकारी अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है. हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों का पदस्थापन मेडिकल कॉलेज में होता है. जिले की जनसंख्या लगभग 30 लाख है.
सदर अस्पताल में गैर संचारी विभाग की होती है जिम्मेदारी :
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के बाद गैर संचारी विभाग की इसकी जिम्मेदारी दी गई है पर विभाग का कार्य काफी लचर है वर्ष में 1 से 2 बार ही कैंप लगाकर लोगों को जानकारी दी जाती है एवं उनकी जांच की जाती है. इस कारण हृदय रोगियों की पूरी तरह जानकारी सदर अस्पताल को नहीं है.बाहर इलाज कराने में हृदय रोगियों को होती है काफी परेशानी :
बाहर इलाज करने में हृदय रोगियों को काफी परेशानी होती है. काफी गंभीर रोग होने के कारण दूर जाने में काफी खतरा बना रहता है. इतना ही नहीं आर्थिक क्षति भी काफी होती है. काफी खर्च होता है. इससे भी लोगों को काफी परेशानी होती है.खानपान में सावधानी की है आवश्यकता :
सदर अस्पताल में गैर संचारी रोगों के प्रभारी डॉक्टर प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि 30 से ऊपर आयु के लोगों में 17% लोग हाइपरटेंशन से ग्रसित रहते हैं जबकि 14% लोग डायबिटीज के शिकार होते हैं ऐसे लोग ही हृदय रोग से भी ग्रसित हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि खान-पान में काफी सावधानी रहने रखने की आवश्यकता है. जिले में अभी तक हृदय रोगियों का पूरी तरह ऐस्टीमेशन नहीं की गयी है. मानसिक तनाव से बचने की आवश्यकता है. हृदय रोग खान-पान की गड़बड़ी शुगर से तो होता ही है यह अनुवांशिक भी है. अधिक अधिक चर्बी वाले लोगों को भी हृदय रोग होता है. उन्होंने कहा कि एक अक्तूबर को बुजुर्ग दिवस है. इस दिन सदर अस्पताल में लोगों को इसकी जानकारी दी जायेगी. जीएनएम भवन के पास कैंप लगाया जायेगा एवं इसमें सभी कर्मी एवं डॉक्टर लोगों की जांच करेंगे तथा उन्हें उचित सलाह देंगे. उन्होंने बताया कि ज्यादा सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियां का सेवन करें. वे फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. सलाद, साइड डिश या मुख्य व्यंजन के रूप में उनका स्वाद बहुत अच्छा होता है. ध्यान रखें कि उन्हें बनाते समय आप बहुत ज्यादा वसा या पनीर का इस्तेमाल न करें. फलियां बीन्स, मटर और दालें – भी प्रोटीन के अच्छे कम वसा वाले स्रोत हैं. इनमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है