आरा.
प्रखंड के कृषि कार्यालय द्वारा प्रखंड की धनडीहा पंचायत के फरहंगपुर में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कैंप का आयोजन किया गया. इस कैंप में कृषि विभाग पटना से आये चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला में पांच दर्जन किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच की गयी. इस दौरान पंचायत के मुखिया धीरेंद्र प्रताप सिंह और प्रखंड कृषि पदाधिकारी मो मुस्तफा भी किसानों के बीच मौजूद रहे. मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि खेतों की मिट्टी की जांच हर तीन साल के बाद चौथे साल जरूरी है. इसलिए हर किसान को अपने खेत के मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि पता चले कि मिट्टी की गुणवत्ता कितनी है और इसमें कौन सी फसल उपजाऊ सिद्ध होगी. वहीं, उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की खूबियों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि जिस तरह शारीरिक बीमारियों की जांच के लिए शरीर का स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी है उसी प्रकार मिट्टी के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उसका समय समय पर जांच जरूरी है. इधर पंचायत के मुखिया धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि एक जमाने में जब देश में अकाल पड़ा और खाद्यान्न संकट उत्पन्न हुआ था, तब अधिक पैदावार के लिए सरकार ने रासायनिक खेती पर बल दिया था. आज परिस्थितियां बिल्कुल उलट है. इसलिए हम सभी किसान जैविक खेती पर बल दें और धीरे-धीरे रासायनिक खेती को कम कर दें. इस दौरान पटना से आयी चलंत मिट्टी प्रयोगशाला की टीम ने मौके पर 59 किसानों के खेत की मिट्टी एकत्रित कर उसकी जांच की. जांच के बाद सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किया गया, जो तीन साल तक उनके खेत के लिए उपयोगी रहेगा. मौके पर किसान उर्मिला देवी, हिमांक कुमार, अरुण सिंह, बलवंत सिंह, विजय सिंह, अनुज कुमार, उमेश सिंह, उत्तिमचंद्र पंडित, रजनीश कुमार, श्यामबिहारी चौधरी, सर्वेश प्रसाद,अनिल ठाकुर समेत अन्य मौजूद रहे. मौके पर सहायक अनुसंधान पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह,अशोक चौबे,कृषि समन्वयक भगवती सिंह समेत अन्य किसान व कर्मी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है