आरा: बड़हरा प्रखंड क्षेत्र की सोहरा पंचायत के हेतमपुर, सोहरा गंगा नदी घाट पर हो रहे कटाव से सोहरा, हेतमपुर व मझौली गांव के लोग दहशत में हैं. गंगा नदी में लगातार कटाव से इन गांवों पर भी कटाव का खतरा मंडराने लगा है. बता दें कि इस इलाके में दशकों से गंगा कटाव व विस्थापन का पीड़ा झेलने के लिए लोग मजबूर हैं. इन इलाके के लोगों में कटाव को ले विस्थापन का डर सताने लगा है.
वहीं, कटाव शुरू होने के बाद भी बाढ़ नियंत्रण विभाग की तरफ से बचाव की कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी है. कटाव को लेकर सोहरा पंचायत के पूर्व मुखिया जय प्रकाश सिंह व ग्रामीण राजीव रंजन सिंह, बृजमोहन पांडेय, रामाकांत पांडेय, मनीष कुमार पंडेय सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 1969 से कटाव हो रहा था. ग्रामीणों ने बताया कि सोहरा और हेतमपुर का 800 एकड़ का रकवा था. गंगा के कटाव में 750 एकड़ जमीन गंगा के कटाव में चला गया. .
इस वर्ष भी बाढ़ का पानी बढ़ते ही कटाव शुरू हो गया है. इस दौरान करीब 10 एकड़ खेत 15 दिनों में कटाव से गंगा नदी में विलीन हो गये. इसकी सूचना बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को दे दी गयी है. बावजूद विभाग कटाव रोकने के लिए कुछ नहीं कर पा रहा है. हालांकि मझौली, महुली गांव में कटाव रोकने के लिए जीओ बैग डालकर कटावरोधी कार्य किया गया है. मझौली और महुली के बीच हेतमपुर टोला, सोहरा के समीप कटावरोधी कार्य बाढ़ नियंत्रण विभाग इलाके में कटाव रोकने का कार्य नहीं कर रहा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya