बिहिया. आरा-बक्सर एनएच 922 पर मंगलवार की देर शाम बिहिया थाना क्षेत्र के अमराई नवादा गांव के समीप बस व बाइक की हुई भिड़ंत में गंभीर रूप से जख्मी रितेश कुमार उर्फ टाइगर ने सदर अस्पताल आरा में इलाज के दौरान मंगलवार की रात में दम तोड़ दिया. मृतक युवक अमराई नवादा गांव निवासी शम्भू सिंह का इकलौता पुत्र था. मृतक के पिता प्राइवेट जॉब करते हैं तथा फिलवक्त अपनी आंख का इलाज कराने के लिए दूसरी जगह गये हुए हैं. सड़क हादसे में गांव के दो युवकों की मौत के बाद मृतकों के घर में जहां रोने-धोने से माहौल गमगीन बना हुआ है, वहीं गांव में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतक के परिजन सत्येंद्र सिंह ने सदर अस्पताल आरा के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. कहा है कि मंगलवार की रात लगभग 8 बजे रितेश को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने पुर्जा पर दवा लिखी, लेकिन इंज्यूरी का विवरण नहीं लिखा, जिससे पता चले कि किस चीज का इलाज हो रहा है. बताया कि मृत्यु के बाद जब डेड बॉडी कैरिंग सर्टिफिकेट निर्गत किया गया तो उस पर हेड इंज्यूरी लिख दिया गया. उन्होंने कहा कि जब हेड इंज्यूरी थी, तो सिटी स्कैन क्यों नहीं करवाया गया. घटना में जख्मी एक अन्य युवक गौतम कुमार का अब भी इलाज चल रहा है. मालूम हो कि मंगलवार की देर शाम अमराई नवादा गांव के समीप तेज रफ्तार बस ने बाइक में जोरदार टक्कर मार दी थी जिससे बाइक पर सवार अमराई नवादा गांव निवासी राजनारायण सिंह के पुत्र सन्नी सिंह की मौके पर ही मौत हो गयी थी, जबकि बाइक सवार दो अन्य युवक मृतक के बड़े भाई गौतम कुमार व शम्भू सिंह के पुत्र रितेश कुमार उर्फ टाइगर गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. जख्मी लोगों का बिहिया में इलाज के बाद सदर अस्पताल आरा रेफर कर दिया गया था. आरा में इलाज के दौरान रितेश कुमार ने भी दम तोड़ दिया. वहीं घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने बस में आग लगा दी थी तथा आरा-बक्सर हाइवे को जाम कर दिया था. बाद में एसडीपीओ जगदीशपुर व एसडीएम संजीत कुमार के समझाने के बाद सड़क जाम समाप्त हुआ था. घटना के बाद लगभग दो घंटों तक हाइवे पूरी तरह से जाम रहा था. मामले को लेकर बिहिया थाने में बस के चालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
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